पर्वतमाला परियोजना: 10 रोपवे परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अध्ययन

केंद्र सरकार द्वारा 10 रोपवे परियोजनाओं के निर्माण लिए व्यवहार्यता अध्ययन अध्ययन कर रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक्स प्रबंधन लिमिटेड (NHLML: National Highways Logistics Management Ltd) को पूरे देश में पर्वतमाला परियोजना (Parvatmala Pariyojana) के तहत रोपवे परियोजनाओं को विकसित करने का काम सौंपा गया है।

मुख्य तथ्य

NHLML, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के 100 प्रतिशत स्वामित्व वाले स्पेशल परपस व्हीकल है।

बिज़नेस लाइन के मुताबिक चेन्नई में लाइट हाउस और बेसेंट नगर के बीच 4.60 किमी की दूरी के लिए रोपवे विकसित करने की योजना है।

इसके अलावा रोपवे निर्माण की अन्य प्रस्तावित परियोजनाएं हैं: महाराष्ट्र में माथेरान; तिरुपति (4 किमी); प्रयागराज में शंकर विमान मंडपम – त्रिवेणी पुष्प – उल्टा किला (4 किमी); वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के लिए पार्किंग (3.00 किमी); मध्य प्रदेश में दुग्ध धारा जलप्रपात से कपिल धारा जलप्रपात, अमरकंटक, मंडला (3 किमी); मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (2 किमी); गुजरात स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (SOU), केवडिया (2 किमी); गुजरात साबरमती रिवर फ्रंट, अहमदाबाद (3 किमी) और महाराष्ट्र में रायगढ़ किला, महाड (1.50 किमी)। उपर्युक्त सूची संभावित हैं।

बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) पहले देश भर में राजमार्गों के विकास और सड़क परिवहन क्षेत्र को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार रहा है। हालाँकि, फरवरी 2021 में, भारत सरकार (व्यवसाय का आवंटन) नियम 1961 में संशोधन किया गया। इसके तहत MoRTH को रोपवे और वैकल्पिक मोबिलिटी समाधानों के विकास की देखभाल करने में भी सक्षम बनाता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए घोषणा की कि राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – “पर्वतमाला” को PPP मोड पर क्रियान्वित किया जाएगा, जो दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक सड़कों के स्थान पर पारिस्थितिक रूप से सतत एक पसंदीदा परिवहन विकल्प होगा।

इस परियोजना के तहत उस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा, यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी और सुविधा में सुधार करने का लक्ष्य रखा गया है।

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