राष्ट्रीय पर्यटन नीति का मसौदा तैयार करना ही पर्याप्त नहीं-संसदीय स्थायी समिति
परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसदीय स्थायी समिति ने राष्ट्रीय पर्यटन नीति के मसौदे पर अपनी रिपोर्ट पेश की है।
रिपोर्ट में की गईं टिप्पणियां
समिति ने कहा है कि देश में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए राष्ट्रीय पर्यटन नीति का मसौदा तैयार करना ही पर्याप्त नहीं है।
समिति ने सरकार से अंतर-मंत्रालयी परामर्श के बाद पर्यटन परिषद के गठन के लिए की गई कार्रवाई के बारे में जानना चाहा और कहा कि ‘कार्रवाई रहित विजन एक दिवास्वप्न है, और विजन रहित कार्रवाई एक दुःस्वप्न है’ (vision without action is a day- dream, and action without a vision is a nightmare)।
क्या पर्यटन मंत्रालय ने समवर्ती सूची में पर्यटन को शामिल करने की अपनी पूर्व की सिफारिश के संबंध में कोई कदम उठाए हैं?
कुछ 20 राज्यों ने अभी तक आतिथ्य परियोजनाओं को उद्योग का दर्जा ( industry status to hospitality projects) क्यों नहीं दिया है, और क्या इन राज्यों द्वारा केंद्र सरकार को इस संबंध में कुछ भी बताया गया है। अब तक केवल आठ राज्यों – महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड – ने अपने क्षेत्रों में आतिथ्य परियोजनाओं को उद्योग का दर्जा दिया है।
पांच साल से अधिक समय लेने वाली परियोजनाओं में उच्च लागत और समय पर पूरा नहीं होने से मंत्रालय और कार्यान्वयन एजेंसियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ रहा है और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
समिति के प्रमुख सुझाव
इसने GST परिषद की तर्ज पर राष्ट्रीय पर्यटन परिषद के गठन पर तेजी से कार्रवाई करने का सुझाव दिया है जो केंद्र और राज्य सरकारों को सीधे सिफारिशें करेंगी।
समवर्ती सूची में पर्यटन को शामिल करने से कोविड महामारी से प्रभावित भारतीय पर्यटन क्षेत्र की समस्यायों के समाधान में मदद मिलेगी क्योंकि पर्यटन में कई क्षेत्रों की गतिविधियां शामिल हैं।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के लाभ
यदि पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया जाता है तो होटल, लॉज, रिसोर्ट एवं अन्य पर्यटन अधोसंरचना औद्योगिक दरों पर बिजली एवं पानी आपूर्ति के लिए पात्र होंगे जो इस उद्योग को बढ़ावा देंगे क्योंकि इनकी औद्योगिक दरें वाणिज्यिक दरों से कम हैं।
उद्योगों को दी जाने वाली रियायतें पर्यटन से जुड़ी संस्थाओं पर भी लागू होंगी, जिससे उन्हें अपना मुनाफा अधिकतम करने में मदद मिलेगी।
पर्यटन क्षेत्र को प्राप्त उद्योग का दर्जा देने से निजी निवेश बढ़ेगा क्योंकि उद्योग का दर्जा निवेशकों के लिए उद्योग नीति के अनुसार प्रोत्साहन, सब्सिडी, भरपाई आदि की सुविधा प्रदान करती है और अंततः ये निवेश रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे।