प्रदूषित नदी खंडों की संख्या में कमी आयी है-केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की नदियों में प्रदूषित खंडों (polluted stretches in India’s rivers) की संख्या 2018 के 351 से कम होकर 2022 में 311 हो गई है, हालांकि सर्वाधिक प्रदूषित नदी खंडों की संख्या में व्यावहारिक तौर पर कोई बदलाव नहीं आया है यानी वे अभी भी अधिक प्रदूषित हैं।

  • बता दें कि CPCB को जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत जल प्रदूषण से संबंधित तकनीकी और सांख्यिकीय डेटा एकत्र करने, तुलना करने और सार्वजानिक करने का अधिकार है।

प्रमुख तथ्य

  • CPCB नेटवर्क देश भर में 4,484 स्थानों पर पानी की गुणवत्ता की निगरानी करता है।
  • बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (Biochemical oxygen demand: BOD) बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों द्वारा खपत ऑक्सीजन की उस मात्रा का प्रतिनिधित्व करता है, जब वे एक दिए गए तापमान पर एरोबिक (ऑक्सीजन की उपस्थिति) स्थितियों के तहत कार्बनिक पदार्थ को विघटित करते हैं।
  • किसी जगह पर बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) 3 मिलीग्राम प्रति लीटर (mg/l) से अधिक होने पर उसे प्रदूषित स्थल के रूप में पहचाना जाता है।
  • एक सतत क्रम में एक नदी में पहचाने गए दो या दो से अधिक प्रदूषित स्थलों को “प्रदूषित नदी खंड” (polluted river stretch) माना जाता है।
  • 3 mg/l से कम BOD का अर्थ है कि वह नदी खंड स्नान (outdoor bathing) के लिए उपयुक्त है।
  • इसके अलावा, 30 mg/l से अधिक BOD वाले स्ट्रेच को “प्राथमिकता 1” (P1) माना जाता है, जिसका अर्थ है, वह सबसे प्रदूषित खंड है और सबसे तत्काल वाटर ट्रीटमेंट की आवश्यकता है।
  • प्रदूषित नदी खण्डों की सर्वाधिक संख्या महाराष्ट्र में (55) थी, इसके बाद मध्य प्रदेश (19) का स्थान था।
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