Phosphor-Gypsum: एनएचएआई राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में फॉस्फोर-जिप्सम के उपयोग का पता लगाएगा

भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) पारिस्थितिक रूप से सतत राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना निर्माण के लिए अपशिष्ट सामग्री के उपयोग को प्रोत्साहित कर रहा है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए NHAI, रसायन और उर्वरक मंत्रालय के उर्वरक विभाग के साथ जिप्सम के उपयोग से सर्कुलर इकॉनमी प्राप्‍त करने के लिए राष्‍ट्रीय राजमार्ग निर्माण में फास्‍फोर जिप्‍सम (Phosphor-Gypsum) के उपयोग के लिए परियोजनाओं पर फील्ड ट्रॉयल करने जा रहा है।

फास्फोर-जिप्सम

फास्फोर-जिप्सम, उर्वरक उत्पादन का उप-उत्पाद है।

एक भारतीय उर्वरक कंपनी ने फास्फोर-जिप्सम का उपयोग करके एक सड़क का निर्माण किया है। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) द्वारा सड़क का मूल्यांकन किया गया था और उसकी रिपोर्ट के आधार पर, भारतीय सड़क कांग्रेस ने तीन वर्ष की अवधि के लिए सड़क निर्माण के लिए न्‍यूट्रलाइज्‍ड फॉस्फोर-जिप्सम अपशिष्ट सामग्री को मान्यता दी है।

सड़क निर्माण में अपशिष्‍ट प्लास्टिक

NHAI सड़क निर्माण में अपशिष्‍ट प्लास्टिक के उपयोग को भी प्रोत्साहित कर रहा है, जिसका पहले ही बहुत सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है। अध्ययनों ने स्थापित किया है कि प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके बनाई गई सड़कें टिकाऊ हैं और बिटुमेन के जीवन को बढ़ाती हैं।

चार लेन के राजमार्ग के एक किलोमीटर के निर्माण से लगभग सात टन प्लास्टिक कचरे के निपटान में मदद मिलती है।

फ्लाई ऐश (Fly Ash) का उपयोग

इसी प्रकार, एनएचएआई राजमार्गों और फ्लाईओवर तटबंधों के निर्माण के लिए ताप विद्युत संयंत्रों (टीपीपी) में कोयले के दहन के सूक्ष्‍म अवशेष ‘फ्लाई ऐश (Fly Ash’)’ का उपयोग किया है। 135 किमी लंबे, छह लेन वाले ‘ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे’ के निर्माण में 1.2 करोड़ क्यूबिक मीटर फ्लाई-ऐश का इस्तेमाल किया गया था।

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