केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति घोषित की

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 21 नवंबर को देश में अपनी तरह की पहली राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति (National Suicide Prevention Strategy) की घोषणा की।

रणनीति के प्रमुख तत्व

वर्ष 2030 तक आत्महत्या मृत्यु दर में 10% की कमी लाने के लिए समयबद्ध कार्य योजना और बहु-क्षेत्रीय सहयोग के बारे में रणनीति में चर्चा की गयी है।

रणनीति मोटे तौर पर अगले तीन वर्षों के भीतर आत्महत्या के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र स्थापित करने का प्रयास करती है।

इसके अलावा अगले पांच वर्षों के भीतर सभी जिलों में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से आत्महत्या रोकथाम सेवाएं प्रदान करने वाले मनोरोग बाह्य रोगी विभागों की स्थापना का भी उल्लेख किया गया है।

यह रणनीति अगले आठ वर्षों के भीतर सभी शैक्षणिक संस्थानों में मानसिक कल्याण पाठ्यक्रम को एकीकृत करने की आवश्यकता पर भी बल देती है।

आत्महत्याओं की जिम्मेदार मीडिया रिपोर्टिंग और आत्महत्या के साधनों तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए दिशानिर्देश विकसित करने की बात भी कही गयी है।

भारत में आत्महत्या डेटा

बता दें कि भारत में, हर साल एक लाख से अधिक लोग आत्महत्या करते हैं, और यह 15-29 वर्ष की आयु वर्ग में मौत के लिए सर्वाधिक उत्तरदायी है।

पिछले तीन वर्षों में, आत्महत्या की दर प्रति 1,00,000 जनसंख्या पर 10.2 से बढ़कर 11.3 हो गई है।

आत्महत्या के सबसे आम कारणों में पारिवारिक समस्याएं और बीमारियाँ शामिल हैं, जो आत्महत्या से संबंधित सभी मौतों का क्रमशः 34% और 18% हैं।

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