ट्राई ने ‘सैटेलाइट अर्थ स्टेशन गेटवे (SESG)’ की स्थापना के लिए लाइसेंसिंग फ्रेमवर्क पर सिफारिश जारी किया

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 29 नवंबर ‘सैटेलाइट अर्थ स्टेशन गेटवे (SESG)’ की स्थापना और संचालन के लिए लाइसेंसिंग रूपरेखा’ के बारे में सिफारिशें जारी की हैं।

इन सिफ़ारिशों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की धारा 4 के अंतर्गत एक अलग सैटेलाइट अर्थ स्टेशन गेटवे (SESG)’ लाइसेंस होगा। SESG लाइसेंस एकीकृत लाइसेंस (यूएल) का हिस्सा नहीं बनेगा। SESG लाइसेंस के लिए सेवा क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर होगा।
  • SESG लाइसेंसधारक सभी प्रकार की उपग्रह प्रणालियों के लिए भारत के क्षेत्र में कहीं भी एसईएसजी की स्थापना, रखरखाव और कार्य कर सकता है, जिसके लिए सरकार ने अनुमति दी है।
  • SESG लाइसेंसधारक किसी भी संस्था को उपग्रह-आधारित संसाधन प्रदान कर सकता है, जिसके पास संचार विभाग या सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा दी गई लाइसेंस/अनुमति है और जिसे अपने लाइसेंस/अनुमति के अंतर्गत सेवाओं के प्रावधान के लिए उपग्रह मीडिया का उपयोग करने की अनुमति है।
  • SESG लाइसेंसधारक सरकार द्वारा अनुमोदित एक या एक से अधिक उपग्रह प्रणालियों के संबंध में SESG की स्थापना कर सकता है।
  • SESG लाइसेंसधारक को सीधे उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की दूरसंचार सेवा या प्रसारण सेवा प्रदान करने की अनुमति नहीं होगी, जिसके प्रावधान के लिए सरकार से एक अलग लाइसेंस/प्राधिकार/अनुमति आवश्यक है।
  • SESG लाइसेंस 10 वर्ष के नवीनीकरण के प्रावधान के साथ लाइसेंस की प्रभावी तिथि से 20 वर्ष की अवधि के लिए वैध होगा।

उपग्रह संचार

  • उपग्रह संचार (Satellite communication) ऐसे किसी भी संचार लिंक को संदर्भित करता है जिसमें इसके प्रसार पथ में एक कृत्रिम उपग्रह का उपयोग शामिल होता है।
  • सैटकॉम के कुछ लाभ हैं: उपग्रह संचार हाई फ्रीक्वेंसी सिग्नल का उपयोग करते हैं। दूरस्थ संपत्तियों को जोड़ने में मदद मिलती है, उपग्रह से संकेत बड़े भौगोलिक क्षेत्रों को कवर कर सकते हैं। प्रेषित संकेतों को व्यक्तिगत घरों या उपकरणों द्वारा सीधे एक्सेस किया जा सकता है।
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