ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (GTTP) की शुरूआत के साथ भारत को 2030 तक ‘ग्रीन शिप का वैश्विक केन्‍द्र’ बनाने का लक्ष्य

केन्‍द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि ग्रीन टग ट्रांज़िशन प्रोग्राम (Green Tug Transition Programme: GTTP) की शुरूआत के साथ 2030 तक भारत को ‘ग्रीन शिप का वैश्विक केन्‍द्र’ बनाने का लक्ष्‍य है।

ग्रीन पोर्ट एंड शिपिंग में भारत के पहले राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्‍द्र (NCoEGPS) का गुरुग्राम, हरियाणा में 22 मार्च को उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि कार्यक्रम ‘ग्रीन हाइब्रिड टग्स’ (Green Hybrid Tugs) के साथ शुरू होगा, जो ग्रीन हाइब्रिड प्रोपल्शन सिस्टम द्वारा संचालित होगा।

बाद में गैर-जीवाश्म ईंधन समाधान जैसे (मेथनॉल, अमोनिया, हाइड्रोजन) को अपनाएगा।

वर्ष 2025 तक सभी प्रमुख बंदरगाहों में काम शुरू करने के लिए प्रारंभिक ग्रीन टग (कर्षण नौका) के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि कम से कम 50 प्रतिशत कर्षण नौकाओं को 2030 तक ग्रीन कर्षण नौका में परिवर्तित करने की संभावना है, जो उत्सर्जन को काफी कम कर देगा क्योंकि देश निरंतर विकास का लक्ष्‍य प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ेगा।

एक टगबोट या टग ऐसा समुद्री पोत है जो अन्य जहाजों को सीधे संपर्क या टो लाइन के साथ धक्का देकर या खींचकर इधर-उधर करता है।

हरित बंदरगाह पहल

पीएम गति शक्ति – हरित बंदरगाह पहल के साथ-साथ मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान ने पहले ही देश में ग्रीन लॉजिस्टिक्सआपूर्ति श्रृंखला के विकास को गति दी है।

बंदरगाहों ने 2030 तक प्रति टन कार्गो के कार्बन उत्सर्जन को 30 प्रतिशत तक कम करने का भी लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री द्वारा जारी समुद्री विजन दस्तावेज 2030 (Maritime Vision Document 2030) एक सतत समुद्री क्षेत्र और जीवंत ब्लू इकोनॉमी के भारत की कल्‍पना पर 10 वर्ष का खाका है।

ग्रीन शिपिंग से संबंधित एक आरंभिक परियोजना का संचालन करने के लिए IMO Green Voyage 2050 परियोजना के तहत भारत को पहले देश के रूप में चुना गया है।

मंत्रालय ने पहले ही पारादीप पोर्ट, दीनदयाल पोर्ट और वी.ओ.चिदंबरम पोर्ट को हाइड्रोजन हब के रूप में विकसित करने के लिए चुना है – जो वर्ष 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन के प्रबंधन, भंडारण और उत्पादन में सक्षम है।

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