केरल उच्च न्यायालय ने निर्णयों को मलयालम में प्रकाशित करना शुरू किया
केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) के दो निर्णयों का हाल ही में मलयालम में अनुवाद किया गया और अदालत की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया। इसके साथ ही क्षेत्रीय भाषा में अपने आदेशों को प्रकाशित करने वाला केरल उच्च न्यायालय देश का पहला न्यायालय बन गया है।
- 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर, दो निर्णयों के अनुवादित संस्करण अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं।
- मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी. चाली की खंडपीठ ने ये फैसले दिए। मलयालम में प्रकाशित आदेश वाहन खरीद ऋण से संबंधित मामला और कुदरंजी पंचायत में चेक-डैम के निर्माण से सम्बंधित हैं।
SUVA–सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर
- हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट hckerala.gov.in पर केस नंबर, पार्टी का नाम, अधिवक्ता का नाम आदि का उपयोग करके ‘केस स्टेटस’ खोजकर निर्णयों के मलयालम एडिशन तक पहुँचा जा सकता है।
- बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अंग्रेजी से नौ स्थानीय भाषाओं – मराठी, हिंदी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, पंजाबी, गुजराती, मलयालम और बंगाली में न्यायिक दस्तावेजों का अनुवाद करने के लिए SUVAS (सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर/Supreme Court Vidhik Anuvaad Software) नाम का एक समर्पित ओपन-सोर्स ज्यूडिशियल डोमेन लैंग्वेज ट्रांसलेशन टूल विकसित किया था। –
- केरल उच्च न्यायालय SUVAS का उपयोग करते हुए निर्णय का अनुवाद कर रहा है। SUVAS आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टूल है।
- यह कदम विशेष रूप से जमीनी स्तर पर, लोगों को उनकी भाषा में निर्णयों को अधिक सुलभ बनाकर उन्हें सशक्त करेगा।