भारतीय पेटेंट कार्यालय ने J&J की तपेदिक दवा की पेटेंट अवधि बढ़ाने के आवेदन को खारिज किया

भारतीय पेटेंट कार्यालय ने 23 मार्च को अमेरिकी फार्मास्युटिकल दिग्गज जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) के जुलाई 2023 से आगे भारत में तपेदिक के इलाज के लिए महत्वपूर्ण दवा बेडाक्विलाइन (Bedaquiline) के उत्पादन पर अपने एकाधिकार को बनाये रखने के प्रयास को खारिज कर दिया।

J&J की Bedaquiline पर पेटेंट जुलाई 2023 में समाप्त हो रहा है। इससे Lupin और Macleods जैसे जेनेरिक दवा निर्माताओं के लिए Bedaquiline का उत्पादन करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इससे यह दवा सस्ती हो जायेगी, साथ ही अधिक मरीज इसे खरीद सकेंगे।

अभी यह दवा केवल सरकार के माध्यम से खरीदी जा रही है और छह महीने के कोर्स के लिए लगभग 21,000 रुपये का खर्च आता है।

कम कीमत पर जेनरिक के आने से आने वाले समय में देश में ड्रग प्रतिरोधी टीबी रोगियों तक दवा की पहुंच बढ़ने की उम्मीद है।

पेटेंट अधिनियम, 1970

पेटेंट अधिनियम, 1970 के तहत आरम्भ में 20 वर्षों के लिए पेटेंट प्राप्त होता है और 20 वर्षों की समाप्ति से पहले पेटेंट के विस्तार की मांग करना किसी भी ड्रग इनोवेटर के लिए स्टैण्डर्ड इंडस्ट्री प्रोसीजर का हिस्सा है।

लेकिन पेटेंट अधिनियम, 1970 ने पेटेंट प्राप्ति के लिए कई शर्तें रखी हैं। जैसे कि एक ज्ञात प्रक्रिया, मशीन या उपकरण के मात्र उपयोग पर एक पेटेंट तब तक नहीं दिया जा सकता जब तक कि ऐसी ज्ञात प्रक्रिया के परिणामस्वरूप एक नया उत्पाद न सामने आये या नए पदार्थ के जोड़ने से एक नया उत्पाद सामने नहीं आये

एवरग्रीनिंग (evergreening) की अनुमति नहीं

पेटेंट अधिनियम की धारा 3(d) इनोवेटर फार्मा कंपनियों को 20 साल की निर्धारित अवधि से अधिक पेटेंट का विस्तार करने से रोकने के लिए पेटेंट की ‘एवरग्रीनिंग’ (evergreening) की अनुमति नहीं देती है, ताकि यह सुनिश्चित की जा सके कि मोनपोली हमेशा के लिए न रहे।

एवरग्रीनिंग के तहत दवा कंपनियां पेटेंट समाप्त होने से पहले दवा में मामूली बदलाव लाकर पेटेंट अवधि को बढ़ाने का प्रयास करती हैं।

इस संबंध में एक लोकप्रिय मिसाल नोवार्टिस बनाम भारत संघ का मामला है जिसमें भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने नोवार्टिस द्वारा पेटेंट की अवधि बढ़ाने के प्रयास को रोक दिया था।

पेटेंट अधिनियम, 1970 के तहत निम्नलिखित को आविष्कार नहीं माना जाता है:

केवल किसी वैज्ञानिक सिद्धांत की खोज या एक अमूर्त सिद्धांत (abstract theory) का फार्मूलेशन या प्रकृति में पहले से अस्तित्व में रहे किसी जीवित वस्तु या निर्जीव पदार्थ की खोज;

किसी ज्ञात पदार्थ के एक ऐसे नए रूप की मात्र जिसके परिणामस्वरूप उस पदार्थ की ज्ञात प्रभावकारिता में वृद्धि नहीं होती है;

कृषि या बागवानी की नयी विधि;

एक गणितीय या व्यावसायिक विधि या एक कंप्यूटर प्रोग्राम या एल्गोरिदम; वगैरह।

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