जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2022 लोक सभा में पेश किया गया

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वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 22 दिसंबर 2022 को लोकसभा में 108 पन्नों का जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2022 (Jan Vishwas (Amendment of Provisions) Bill, 2022) पेश किया।

विधेयक की प्रमुख विशेषताएं

इस विधेयक के द्वारा 42 कानूनों के 183 प्रावधानों को गैर-अपराधीकृत करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें आधा दर्जन से अधिक औपनिवेशिक युग के कानून शामिल हैं।

इन संशोधनों का उद्देश्य व्यवसाय करने की प्रक्रिया यानी इज ऑफ डूइंग बिजनेस को आसान बनाना है।

जिन अधिनियमों में संशोधन किया जा रहा है उनमें द ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940; पब्लिक डेब्ट अधिनियम, 1944; फार्मेसी अधिनियम, 1948; चलचित्र अधिनियम, 1952; कॉपीराइट अधिनियम, 1957; पेटेंट अधिनियम, 1970; पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986; और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 शामिल हैं।

मामूली अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है और मौद्रिक दंड को युक्तिसंगत बनाया गया है।

संशोधनों की एक अन्य विशेषता यह है कि अधिनियम के लागू होने के प्रत्येक तीन वर्षों के बाद लगाए गए जुर्माने और जुर्माने की न्यूनतम राशि में 10% की अपने आप वृद्धि हो जाएगी।

अदालतों को शामिल किए बिना कंपाउंडिंग विधि (सजा के बजाय मौद्रिक दंड), अधिनिर्णय और प्रशासनिक तंत्र द्वारा बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा लोगों को मामूली उल्लंघनों और डिफॉल्ट के मामले सुलझाने में मदद करेगा करेगा। इससे समय, ऊर्जा और संसाधनों की बचत होगी।

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