नेक्स्ट-जेन लॉन्च व्हीकल (NGLV)-क्या हैं विशेषताएं?

Representative image

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक नेक्स्ट-जेन लॉन्च व्हीकल (Next-Gen Launch Vehicle: NGLV) विकसित कर रहा है, जो एक दिन ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) जैसी ऑपरेशनल सिस्टम्स की जगह लेगा।

PSLV, जिसे अक्सर इसरो का ट्रस्टेड वर्कहॉर्स’ कहा जाता है, एक दिन ‘सेवानिवृत्त होना होगा’। श्री सोमनाथ ने ये बातें लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) वालियामाला, तिरुवनंतपुरम में आयोजित तीन दिवसीय इंजीनियर्स कॉन्क्लेव 2022 के दौरान कही।

NGLV के द्वारा ISRO भूस्थैतिक स्थानांतरण कक्षा (Geostationary Transfer Orbit) में 10 टन की पेलोड क्षमता के उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना बनायी है।

यह कम लागत वाला लेकिन अधिक कुशल तीन-चरणों वाला लॉन्च व्हीकल होगा। यही नहीं, इसरो इसे इस तरह डिजाइन कर रहा है ताकि इसका फिर से इस्तेमाल किया जा सके। फ़िलहाल जो लॉन्च व्हीकल है किसी मिशन के बाद बेकार हो जाता है जिससे मिशन लागत काफी बढ़ जाती है। रीयूजेबल होने पर स्पेस मिशन काफी सस्ता हो जायेगा।

NGLV में बूस्टर चरणों के लिए सेमी-क्रायोजेनिक प्रणोदन की सुविधा होगी जो कि सस्ता और कुशल है।

NGLV में एक सरल, मजबूत डिज़ाइन होगा और मिनिमम टर्नअराउंड समय वाला होगा। मिनिमम टर्नअराउंड का मतलब है डिज़ाइन से लेकर लॉन्च करने में बहुत कम समय लेना। इससे मांग के तुरंत बाद प्रक्षेपित किया जा सकेगा।

इसका उपयोग संचार उपग्रहों, डीप स्पेस मिशन, भविष्य के मानव अंतरिक्ष उड़ान और कार्गो मिशनों को लॉन्च करने में किया जायेगा।

error: Content is protected !!