Uranium Enrichment: ईरान ने यूरेनियम को 84% शुद्धता तक संवर्धित करने के आरोपों को बताया ‘षड्यंत्र’

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एक रिपोर्ट के अनुसार, निरीक्षकों ने ईरान के परमाणु रिएक्टर में 84% तक संवर्धित यूरेनियम कणों (Uranium particles enriched) का पता लगाया है। वियना स्थित संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने केवल यह कहते हुए रिपोर्ट का खंडन नहीं किया है कि “IAEA हालिया एजेंसी सत्यापन गतिविधियों के परिणामों पर ईरान के साथ चर्चा कर रही है।”

  • हालांकि ईरान इस रिपोर्ट का खंडन किया है। बता दें कि 84% यूरेनियम संवर्धन, परमाणु हथियार बनाने के लिए आवश्यक लगभग 90% संवर्धन के स्तर के करीब है- जिसका अर्थ है कि यदि ईरान चाहे तो उस सामग्री का कोई भी भंडार परमाणु बम बनाने के लिए जल्दी से इस्तेमाल कर सकता है।
  • वर्ष 2015 के परमाणु समझौते के तहत ईरान के यूरेनियम संवर्धन को 3.67% तक सीमित कर दिया गया था जो परमाणु ऊर्जा संयंत्र को ईंधन देने के लिए पर्याप्त है।

संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA)

  • यह समझौता, जिसे संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA: Joint Comprehensive Plan of Action) कहा जाता है, ईरान और P5 + 1 (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस और जर्मनी) के बीच हुआ था।
  • वर्ष 2018 में अमेरिका एकतरफा रूप से इस समझौते से हट गया। तब से, ईरान पर आरोप लगाया जाता रहा है कि वह समझौते का उल्लंघन कर 80 प्रतिशत शुद्धता स्तर वाला यूरेनियम संवर्धन कर रह है।

क्या है परमाणु संवर्धन (Uranium enrichment) ?

  • उल्लेखनीय है कि जब यूरेनियम का खनन किया जाता है, तो इसमें लगभग 99.3% यूरेनियम-238 (U238), 0.7% यूरेनियम-235 (U235), और <0.01% यूरेनियम-234 (U234) होते हैं। ये यूरेनियम के विभिन्न समस्थानिक (isotope) हैं।
  • परमाणु रिएक्टर में उपयोग किए जाने वाले परमाणु ईंधन में प्राकृतिक यूरेनियम अयस्क की तुलना में U235 समस्थानिक की उच्च सांद्रता होनी चाहिए। U235 जब केंद्रित (या “संवर्धित”) किया जाता है तब वह हल्के पानी के रिएक्टरों में विखंडनीय होता है।
  • यूरेनियम-235 और U-238 रासायनिक रूप से समान हैं, लेकिन उनके भौतिक गुणों, विशेष रूप से उनके द्रव्यमान में भिन्नता है। U-235 परमाणु के नाभिक में 92 प्रोटॉन और 143 न्यूट्रॉन होते हैं, जिससे 235 यूनिट्स का परमाणु द्रव्यमान मिलता है।
  • U-238 नाभिक में भी 92 प्रोटॉन हैं लेकिन 146 न्यूट्रॉन होते हैं – U-235 से तीन अधिक – और इसलिए इसका द्रव्यमान 238 यूनिट्स है। U-235 और U-238 के बीच द्रव्यमान में 1.27% का अंतर आइसोटोप को अलग करने की अनुमति देता है और U-235 के प्रतिशत को बढ़ाना या “संवर्धित” करना संभव बनाता है।
  • सभी वर्तमान और ऐतिहासिक संवर्धन प्रक्रियाएं, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, इस छोटे द्रव्यमान अंतर का उपयोग करती हैं।
  • विखंडन के दौरान, परमाणु का केंद्रक टूट कर अलग हो जाता है जिससे ऊष्मा और अतिरिक्त न्यूट्रॉन दोनों उत्पन्न होते हैं। नियंत्रित परिस्थितियों में, ये अतिरिक्त न्यूट्रॉन अतिरिक्त, पास के परमाणुओं को विखंडित कर सकते हैं और परमाणु रिएक्शंस को बनाए रखा जा सकता है।
  • परमाणु रिएक्टर के भीतर नियंत्रित परमाणु रिएक्शंस द्वारा जारी ऊष्मा ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जा सकता है।
  • व्यावसायिक रूप से, U235 आइसोटोप को 3 से 5% (0.7% की प्राकृतिक अवस्था से) तक समृद्ध किया जाता है और फिर परमाणु ईंधन बनाने के लिए आगे संसाधित किया जाता है।
  • परमाणु हथियारों के लिए उपयोग किए जाने वाले यूरेनियम को विशेष रूप से कम से कम 90% U-235 का उत्पादन करने के लिए डिज़ाइन किए गए संयंत्रों में संवर्धित करना होगा।
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