International Mother Language Day 2023: क्यों और कब मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस?
प्रतिवर्ष 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष (2023) अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की थीम है-“बहुभाषी शिक्षा – शिक्षा में बदलाव के लिए जरुरी” (Multilingual education – a necessity to transform education)। इसमें स्वदेशी लोगों की शिक्षा और भाषाओं पर बल दिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस क्यों मनाया जाता है?
- “एकुशे फरवरी” (Ekushey February), या “एकुशे” (बांग्ला में ’21वां’), वर्ष 1952 के उस दिन का स्मरण कराता है जब ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने पूर्वी पाकिस्तान में उर्दू को लागू करने के खिलाफ देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन शुरू किया था।
- इस दिन को भाषा आंदोलन (बंगाली भाषा आंदोलन) में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में पहचाना जाता है, जिसने पूर्वी पाकिस्तान में जातीय राष्ट्रवाद की नींव रखी और अंततः 1971 में बांग्लादेश के निर्माण का आधार तैयार किया।
- अपनी भाषा और संस्कृति के लिए बंगाली लोगों के संघर्ष को मान्यता देते हुए यूनेस्को ने 1999 में घोषणा की कि 21 फरवरी को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) के रूप में मनाया जाएगा।
- अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की पहल बांग्लादेश की थी।
- संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार विश्व स्तर पर 40 प्रतिशत आबादी की उस भाषा में शिक्षा तक पहुंच नहीं है जिसे वे बोलते या समझते हैं। लेकिन इसके महत्व की बढ़ती समझ के साथ, विशेष रूप से प्रारंभिक स्कूली शिक्षा में, और सार्वजनिक जीवन में इसके विकास के प्रति अधिक प्रतिबद्धता के साथ बहुभाषी शिक्षा में प्रगति की जा रही है।
- यूनेस्को मातृभाषा या पहली भाषा के आधार पर बहुभाषी शिक्षा को प्रोत्साहन और बढ़ावा देता है। यह एक प्रकार की शिक्षा है जो उस भाषा में शुरू होती है जिसमें सीखने वाला सबसे अधिक महारत हासिल करता है और फिर धीरे-धीरे अन्य भाषाओं को सीखता है। यह दृष्टिकोण उन शिक्षार्थियों को सक्षम बनाता है जिनकी मातृभाषा संपर्क की भाषा से अलग है, और यह दृष्टिकोण घर और स्कूल के बीच की खाई को पाटता है।