बायोडाइवरसिटी बियॉन्ड नेशनल ज्यूरिडिक्शन्स (BBNJ) संधि और भारत

भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राष्ट्रों से आग्रह किया है कि वे महासागरों और इसकी जैव विविधता के संरक्षण एवं सुरक्षा के साथ-साथ सतत आर्थिक विकास तथा संयुक्त राष्ट्र समुद्र विधि कन्वेंशन (United Nation’s Convention on the Law of Sea: UNCLOS) के अंतर्गत तटीय लोगों की भलाई के लिए समर्पित रहें।

पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में संरक्षित और रेसिलिएंट महासागर सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक समझौता करने तथा चल रही “राष्ट्रीय अधिकारक्षेत्र से परे जैव विविधता (Biodiversity Beyond National Jurisdiction: BBNJ)” वार्ताओं के शीघ्र निष्कर्ष के लिए समर्थन दिया और एक ऐसे मजबूत फ्रेमवर्क बनाने का आह्वान किया जो संरक्षण और इसके सतत उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों को न्यायसंगत रूप से साझा किया जा सकेI

बायोडाइवरसिटी बियॉन्ड नेशनल ज्यूरिडिक्शन्स (BBNJ) क्या है?

  • BBNJ को खुले समुद्र संधि (High Seas Treaty) भी कहा जाता है। यह देश के अनन्य आर्थिक क्षेत्र यानी EEZ (200 नॉटिकल मील) से परे समुद्री क्षेत्र है जिस पर किसी देश का संप्रभु अधिकार नहीं है।
  • बायोडाइवरसिटी बियॉन्ड नेशनल ज्यूरिडिक्शन्स (BBNJ) समझौते को अपनाने से राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से बाहर के क्षेत्रों में महासागरीय जैव विविधता के संरक्षण और सतत उपयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सुदृढ़ प्रतिबद्धता का संकेत मिलेगा और समझौते के कार्यान्वयन के लिए एक स्पष्ट मैंडेट भी मिल सकेगा।
  • राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से बाहर के क्षेत्रों में होने वाली जैव विविधता वैश्विक समुद्रों से प्राप्त होने वाला एक महत्वपूर्ण संसाधन बनी हुई है और इसके 60 प्रतिशत से अधिक भाग को अभी भी प्रबंधित किया जाना है और संरक्षण के उद्देश्य से एक कानूनी फ्रेमवर्क के साथ इसे विनियमित किया जाना है।
  • राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से बाहर के क्षेत्रों में जैव विविधता समुद्र एवं महासागरों के स्वस्थ स्वरूप, तटीय लोगों की भलाई और पृथ्वी की समग्र सततता के लिए भी महत्वपूर्ण है।
  • प्रस्तावित BBNJ संधि गहरे समुद्र तल और खुले समुद्र में समुद्री जैव विविधता के खतरे को दूर करने का प्रयास करती है, जो मौजूदा संधियों के तहत काफी हद तक अनियमित हैं।
  • खुले समुद्रों में महासागर की अधिकांश सतह शामिल है, जो जैव विविधता के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में काम करते हैं, और दुनिया के एक तिहाई ऑक्सीजन की आपूर्ति करते हैं। समुद्र के बढ़ते तापमान, समुद्र के अम्लीकरण, समुद्री प्रदूषण और अत्यधिक मछली पकड़ने से गंभीर खतरे पैदा हो गए हैं।
  • इन्हीं वजहों से हितधारकों ने BBNJ संधि को समुद्री जैव विविधता की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र के “जीवन में एक बार” अवसर के रूप में वर्णित किया है। फिर भी, प्रस्तावित संधि की आवश्यकता पर प्रारंभिक सहमति के बावजूद, अभी तक इसे सम्पन्न नहीं किया जा सका है।

उच्च महत्वाकांक्षा गठबंधन ( High Ambition Coalition for Nature and People) क्या है?

  • प्रकृति और लोगों के लिए उच्च महत्वाकांक्षा गठबंधन (HAC: High Ambition Coalition for Nature and People) 100 से अधिक देशों का एक अंतर-सरकारी समूह है, जिसकी सह-अध्यक्षता कोस्टा रिका और फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम द्वारा महासागर सह-अध्यक्ष के रूप में की जाती है, जो प्रकृति और लोगों के लिए एक वैश्विक समझौते का समर्थन करता है।
  • इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक दुनिया की कम से कम 30 प्रतिशत भूमि और महासागर का संरक्षण करना है। 30×30 टारगेट एक वैश्विक लक्ष्य है जिसका उद्देश्य प्रजातियों के बढ़ते नुकसान को रोकना और महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करना है जो हमारी आर्थिक सुरक्षा का स्रोत हैं।
  • HAC को जनवरी 2021 में दुनिया के लिए नए विज्ञान-आधारित 30×30 लक्ष्य को अपनाने की वकालत करने के लिए लॉन्च किया गया था। तब से 116 देश इस अंतर-सरकारी गठबंधन में शामिल हो गए हैं। भारत भी इसमें शामिल है।
  • कुनमिंग-मॉन्ट्रियल में ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (CBD) के पक्षकारों के 15वें सम्मेलन (COP15) में 2030 तक पृथ्वी की भूमि और महासागर के कम से कम 30% की रक्षा या संरक्षण (30×30) के लिए एक ऐतिहासिक लक्ष्य को अपनाया गया था।
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