Quantum communication: देश का पहला क्वांटम कंप्यूटिंग-आधारित दूरसंचार नेटवर्क लिंक
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 27 मार्च को कहा कि देश का पहला क्वांटम कंप्यूटिंग-आधारित दूरसंचार नेटवर्क लिंक (first quantum computing-based telecom network link) अब राष्ट्रीय राजधानी में चालू हो गया है।
प्रमुख तथ्य
राष्ट्रीय राजधानी में सीजीओ कॉम्प्लेक्स में स्थित संचार भवन और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र कार्यालय के बीच अब क्वांटम संचार लिंक चालू है। केंद्रीय मंत्री ने इस सिस्टम के एन्क्रिप्शन को तोड़ने वाले एथिकल हैकर्स के लिए 10 लाख रुपये की ईनाम राशि देने की चुनौती भी दी है।
क्वांटम संचार के बारे में
क्वांटम संचार (Quantum communication) डेटा की सुरक्षा के लिए क्वांटम फिजिक्स के नियमों का लाभ उठाता है।
ये नियम पार्टिकल (कण) को सुपरपोज़िशन की स्थिति प्राप्त करने की अनुमति देते हैं। इसका मतलब है कि वे एक साथ 1 और 0 की कई युग्मों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। पार्टिकल कण आमतौर पर ऑप्टिकल केबलों से होकर डेटा संचारित करने के लिए प्रकाश के फोटॉन का इस्तेमाल करते हैं।
पार्टिकल को क्वांटम बिट्स या क्यूबिट्स (qubits) के रूप में जाना जाता है। साइबर सुरक्षा के नजरिए से qubits की विशेषता यह है कि यदि कोई हैकर ट्रांजिट में उनका निरीक्षण करने की कोशिश करता है, तो उनकी सुपर-नाजुक क्वांटम स्थिति 1 या 0 में से “बदल” जाती है। यह इस बात का संकेत होता है कि किसी तीसरे पक्ष ने कम्युनिकेशन में इंटरफेयर किया है।
कुछ कंपनियों ने क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (quantum key distribution) या QKD नामक प्रक्रिया के आधार पर अत्यधिक संवेदनशील डेटा संचारित करने के लिए नेटवर्क बनाने के लिए इस गुणा का लाभ उठाया है। सैद्धांतिक रूप में, ये नेटवर्क अति-सुरक्षित माने जाते हैं।