NDRI के प्रयासों से देश की प्रथम क्लोन गिर गाय “गंगा’ का हुआ जन्म
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI), करनाल के प्रयासों से गाय की देसी नस्ल गिर ने देश की पहली क्लोन बछड़ी को जन्म दिया है। इसे ‘गंगा’ नाम दिया गया है।
यह प्रति दिन 15 लीटर से अधिक दूध का उत्पादन कर सकती है। इसका वजन 32 किलोग्राम है।
गिर को क्लोन करने के लिए, अल्ट्रासाउंड-निर्देशित सुइयों का उपयोग करके जीवित जानवरों से ओसाइट्स को अलग किया जाता है, और फिर, नियंत्रण स्थितियों में 24 घंटे के लिए परिपक्व किया जाता है।
उन्नत नस्ल की गायों की सोमेटिक कोशिकाओं (somatic cells) का उपयोग डोनर जीनोम के रूप में किया जाता है, जो OPU-जनित एनुक्लाइड डिम्बाणुजनकोशिका यानी ओसाइट्स (oocytes) के साथ जुड़े होते हैं।
रासायनिक सक्रियण और इन-विट्रो कल्चर के बाद, विकसित ब्लास्टोसिस्ट को गिर बछड़े को जन्म देने के लिए माता के गर्भ में स्थानांतरित किया जाता है।
गिर गाय
बता दें कि गिर, साहीवाल, थारपारकर और रेड-सिंधी जैसी देशी मवेशियों की नस्लें दूध उत्पादन और भारतीय डेयरी उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
बता दें कि. गिर गाय, गाय की अन्य नस्लों के अपेक्षा, बहुत अधिक सहनशील होती है. जो अत्यधिक तापमान व ठण्ड आसानी से सहन कर लेती है और विभिन्न ऊष्ण कटिबन्ध रोगों के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है।
गिर गायों को ज़ेबू गायों (zebu cows) के विकास के लिए ब्राजील, संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको और वेनेजुएला निर्यात किए गए हैं।