भारत 1 जनवरी 2023 को वासेनार अरेंजमेंट की अध्यक्षता ग्रहण करेगा

भारत 1 जनवरी, 2023 को एक वर्ष की अवधि के लिए बहुपक्षीय प्रौद्योगिकी नियंत्रण समझौते, वासेनार अरेंजमेंट (Wassenaar Arrangement: WA) की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। भारत आयरलैंड से पदभार संभालेगा।

वासेनार अरेंजमेंट के बारे में

वासेनार अरेंजमेंट एक बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है, जो पारंपरिक हथियारों और दोहरे उपयोग (dual-use) वाली वस्तुओं और प्रौद्योगिकियों के ट्रांसफर पर सदस्यों के बीच नियमित सूचना के आदान-प्रदान के माध्यम से ऐसे ट्रांसफर में पारदर्शिता और अधिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने और अस्थिर करने के उद्देश्य से ऐसे हथियार के संचय को रोकने का प्रयास करती है।

वासेनार अरेंजमेंट का प्राथमिक लक्ष्य आतंकवादी संगठनों के लिए संवेदनशील प्रौद्योगिकियों तक पहुंच को प्रतिबंधित करना है।

वासेनार व्यवस्था 1996 में अस्तित्व में आई और इसमें 42 सदस्य हैं।

वासेनार अरेंजमेंट स्वैच्छिक आधार पर संचालित होता है और सर्वसम्मति से निर्णय लिए जाते हैं।

यूएस, यूके, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया वासेनार अरेंजमेंट के कुछ प्रमुख सदस्य हैं। चीन और इज़राइल इसके सदस्य नहीं हैं।

भारत 2017 में वासेनार अरेंजमेंट (WA) में शामिल हुआ और इसका 42वां सदस्य बना।

ड्यूल यूज (dual-use) प्रौद्योगिकी

राजनीति, कूटनीति और निर्यात नियंत्रण प्रणाली में, ड्यूल यूज (dual-use) वाली वस्तुओं को ऐसे सामान, सॉफ्टवेयर और प्रौद्योगिकी के रूप में संदर्भित किया जाता है जिनका उपयोग नागरिक और सैन्य, दोनों क्षेत्रों में उपयोग के लिए किया जा सकता है।

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