International IP Index 2023: विश्व के 55 देशों में भारत 42वें स्थान पर
यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स की नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय आईपी इंडेक्स रिपोर्ट (International IP Index report) में भारत को 55 देशों में से 42वें स्थान पर रखा गया है। सूचकांक में अमेरिका शीर्ष पर है।
इंडेक्स रैंकिंग के मानदंड
- वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय आईपी सूचकांक दुनिया की उन 55 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में बौद्धिक संपदा (IP) अधिकारों के संरक्षण का मूल्यांकन करता है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 90% का प्रतिनिधित्व करते हैं। इंडेक्स की रैंकिंग 50 संकेतकों पर आधारित है।
- इनमें पेटेंट और कॉपीराइट कानूनों से लेकर बौद्धिक संपदा संपत्तियों के मुद्रीकरण की क्षमता और अंतरराष्ट्रीय समझौतों की अभिपुष्टि तक सब कुछ शामिल है।
- वैश्विक बाजारों में IP परिदृश्य का विश्लेषण करके, सूचकांक का उद्देश्य राष्ट्रों को अधिक इनोवेशन, क्रिएटिविटी और कॉम्पेटिटिवेनेस के माध्यम से उज्जवल आर्थिक भविष्य की ओर नेविगेट करने में मदद करना है।
भारत: उठाए गए कदम
- भारत ने कॉपीराइट-उल्लंघन सामग्री के खिलाफ कार्रवाई में सुधार के लिए कदम उठाए हैं और IP संपत्तियों की बेहतर समझ और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक सर्वोत्तम-इन-क्लास फ्रेमवर्क प्रदान करता है।
भारत: कमजोर पक्ष
- अपने IP फ्रेमवर्क में लंबे समय से चली आ रही खामियों को दूर करना इस क्षेत्र के लिए एक नया मॉडल बनाने की भारत की क्षमता और भारत की निरंतर आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होगा।
- भारत की कमजोरियों के प्रमुख क्षेत्रों में IP अपील बोर्ड का 2021 का विघटन है। यह संगठन भारत में अपने IP अधिकारों को लागू करने और IP को हल करने के लिए जिम्मेदार रहा है लेकिन इसके विघटन से IP अधिकार धारकों को गंभीर चिंता होने लगी है।
- बायोफार्मास्यूटिकल IP अधिकारों की सुरक्षा के लिए सीमित फ्रेमवर्क मौजूद हैं। इसी तरह पेटेंट पात्रता आवश्यकताएं अंतरराष्ट्रीय मानकों के समान नहीं हैं।
भारत: सकारात्मक पक्ष
- भारत ने हाल में कॉपीराइट चोरी रोकने की दिशा में सकारात्मक प्रयास किये हैं। आईपी आधारित कर प्रोत्साहन की घोषणा, ऑनलाइन ट्रेडमार्क उल्लंघन और नुकसान पर फैसला इसके प्रमुख उदाहरण हैं।