भारत और पाकिस्तान ने परमाणु प्रतिष्ठानों, कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया
भारत और पाकिस्तान ने 1 जनवरी , 2023 को अपने उन परमाणु प्रतिष्ठानों की सूचियों का आदान-प्रदान किया, जिन पर शत्रुता की स्थिति में हमला नहीं किया जा सकता है।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के सबसे ख़राब दौर से गुजरने के बाद 1992 से चली आ रही इस परंपरा को जारी रखा गया है।
परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं पर हमले के निषेध पर समझौता
परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं पर हमले के निषेध पर समझौते (Agreement on the Prohibition of Attack against Nuclear Installations and Facilities) के प्रावधानों के अनुसार नयी दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक चैनलों के माध्यम से परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की सूचियों का एक साथ आदान-प्रदान किया गया।
यह दोनों देशों के बीच इस तरह की सूचियों का लगातार 32वां आदान-प्रदान था।
परमाणु प्रतिष्ठानों की सूचियों का पहला आदान-प्रदान 1 जनवरी, 1992 को हुआ था।
बता दें कि उपर्युक्त समझौता पर 31 दिसंबर, 1988 को हस्ताक्षर किए गए थे और 27 जनवरी, 1991 को यह लागू हुआ था।
समझौता के मुताबिक भारत और पाकिस्तान समझौते के तहत शामिल किए जाने वाले परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के बारे में प्रत्येक कैलेंडर वर्ष की पहली जनवरी को एक दूसरे को सूचित करते हैं।
कॉन्सुलर एक्सेस पर 2008 का समझौता
कॉन्सुलर एक्सेस पर 2008 के समझौते के प्रावधानों के तहत, दोनों पक्ष नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक चैनलों के माध्यम से साल में दो बार, 1 जनवरी और 1 जुलाई को एक-दूसरे की हिरासत में कैदियों की सूची का भी आदान-प्रदान करते हैं।