भारत ने इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रोस्पेरिटी (IPEF) के लिए वार्ताओं के विशेष दौर का आयोजन किया

भारत ने 8-11 फरवरी, 2023 की अवधि में नई दिल्ली में हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (Indo-Pacific Economic Framework for Prosperity: IPEF) के लिए विशेष दौर की वार्ता का आयोजन किया।

इस दौर में IPEF के द्वित्तीय स्तंभ (आपूर्ति श्रृंखला/Supply Chains), तृतीय स्तम्भ (स्वच्छ अर्थव्यवस्था/Clean Economy) और चतुर्थ (निष्पक्ष अर्थव्यवस्था/Fair Economy) पर चर्चा हुई।

10 फरवरी 2023 को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (IPEF) में भागीदार देशों से दौरे पर आए प्रतिनिधियों के लिए एक स्वागत समारोह की मेजबानी की।

ध्यातव्य है कि दिसंबर 2022 में ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिया में पिछले दौर के दौरान हुई चर्चाओं के आधार पर नई दिल्ली में तीन स्तंभों की गहन परिपत्र-आधारित चर्चाएँ आयोजित की गईं। IPEF के भागीदार नए विचारों और प्रतिक्रियाओं के सार्थक आदान-प्रदान में लगे हुए हैं और तीन स्तंभों में से प्रत्येक में आगे की प्रगति करने के लिए भविष्य में सघनता से काम करना जारी रखने पर सहमत हुए हैं।

इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF)

अमेरिका के नेतृत्व में भारत और 11 अन्य देशों ने 23 मई, 2022 को टोक्यो में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (Indo-Pacific Economic Framework: IPEF) लॉन्च किया था।

वर्तमान में इस समूह में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, अमेरिका और वियतनाम शामिल हैं।

IPEF उच्च-मानक प्रतिबद्धताओं को स्थापित करने के लिए चार प्रमुख स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करेगा जो इस क्षेत्र में इन देशों के आर्थिक जुड़ाव को गहरा करेंगे।

ये चार प्रमुख स्तंभ हैं : कनेक्टेड इकोनॉमी, रेजिलिएंट इकोनॉमी, क्लीन इकोनॉमी और फेयर इकोनॉमी।

भारत, प्रथम तीन पिलर्स में भारत शामिल हुआ है, वे हैं; लचीली अर्थव्यवस्था/resilient economy (आपूर्ति श्रृंखला), स्वच्छ अर्थव्यवस्था/clean economy (स्वच्छ ऊर्जा, डीकार्बोनाइजेशन, और इंफ्रास्ट्रक्चर) और ईमानदार अर्थव्यवस्था/fair economy (भ्रष्टाचार और धन शोधन विरोधी और कर)।

भारत चौथी महत्वपूर्ण पिलर ‘कनेक्टेड इकोनॉमी’ (व्यापार स्तंभ) में शामिल नहीं हुआ है।

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