भारत वैज्ञानिक प्रकाशनों की वैश्विक श्रेणी में तीसरे स्थान पर पहुंचा
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार भारत वैज्ञानिक प्रकाशनों की वैश्विक श्रेणी में 7वें स्थान छलांग लगा कर से तीसरे स्थान पर पहुँच गया है।
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के नेशनल साइंस फाउंडेशन ( National Science Foundation) के विज्ञान और इंजीनियरिंग संकेतक 2022 (Science & Engineering Indicators 2022 report) की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिक प्रकाशनों में विश्व स्तर पर भारत की स्थिति 2010 में 7वें स्थान से सुधर कर 2020 में तीसरे स्थान पर आ गई है।
- नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी है जो विज्ञान और इंजीनियरिंग के सभी गैर-चिकित्सा क्षेत्रों में मौलिक अनुसंधान और शिक्षा का समर्थन करती है।
- भारत के विद्वानों का कार्य 2010 में 60,555 शोध प्रपत्रों (पेपर्स) से बढ़कर 2020 में 1,49,213 शोध प्रपत्र (पेपर) हो गया है।
- पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत पेटेंट कार्यालय (IPO) में भारतीय वैज्ञानिकों को दिए गए पेटेंट की संख्या भी 2018-19 के 2511 से बढ़कर 2019-20 में 4003 और 2020-21 में 5629 हो गई है।
- विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा लाए गए वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index (GII) 2022 के अनुसार, भारत की GII श्रेणी में भी 2014 के 81वें स्थान से 2022 में 40वें स्थान पर पहुँचने का महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
- सरकार ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के प्रावधान के अंतर्गत कॉर्पोरेट क्षेत्र को अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने की अनुमति दी है।
- कॉर्पोरेट्स अपने CSR के एक भाग के रूप में प्रौद्योगिकी व्यवसाय ऊष्मायकों (इन्क्यूबेटर्स ) में निवेश कर सकते हैं या अन्य संस्थानों और राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए अनुसंधान प्रयासों में अपना योगदान दे सकते हैं।