भारत और अमेरिका ने “क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (iCET) पहल की शुरुआत की

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुविलियन से मुलाकात की और “इनिशिएटिव क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (initiative on Critical and Emerging Technologies: iCET) पर यूएस-इंडिया पहल की शुरुआत की।

iCET पहल के बारे में

  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मई 2022 में क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (iCET) पर अमेरिका-भारत पहल की घोषणा की थी ताकि सरकारों, व्यवसायों और अकादमिक के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी और रक्षा औद्योगिक सहयोग को  बढ़ाया जा सके।
  • दोनों पक्षों ने क्रिटिकल और इमर्जिंग प्रौद्योगिकियों के एक साथ विकास और संयुक्त उत्पादन में अधिक सहयोग के अवसरों और इनोवेशन इकोसिस्टम प्रणालियों में कनेक्टिविटी को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।
  • उन्होंने एक्सपोज़, हैकाथॉन और पिच सत्रों सहित प्रमुख क्षेत्रों में “इनोवेशन ब्रिज” स्थापित करने के महत्व पर ध्यान दिया। उन्होंने भविष्य के सहयोग के क्षेत्रों के रूप में जैव प्रौद्योगिकी, एडवांस्ड मैटेरियल और रेयर अर्थ प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों की भी पहचान की।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने iCET के तहत एक स्थायी तंत्र के माध्यम से दोनों देशों में विनियामक बाधाओं और व्यापार तथा प्रतिभा मोबिलिटी से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

iCET के घटक

  • भारत-यू.एस. संयुक्त अनुसंधान और उद्योग सहयोग की सुविधा के लिए उद्योग, शिक्षा और सरकार की भागीदारी के साथ क्वांटम कोर्डिनेशन मेकैनिज्म।
  • हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (HPC) पर सहयोग को बढ़ावा देना।
  • नया द्विपक्षीय रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप विकसित करना।
  • संयुक्त रूप से जेट इंजन का उत्पादन करना जो भारत द्वारा स्वदेशी रूप से संचालित और उत्पादित जेट विमान को शक्ति प्रदान करे।
  • एक नया “इनोवेशन ब्रिज” लॉन्च करना जो यूएस और भारतीय रक्षा स्टार्टअप को जोड़ेगा।
  • रेजिलिएंट सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण।
  • नासा जॉनसन स्पेस सेंटर में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)/अंतरिक्ष यात्री विभाग के लिए एडवांस प्रशिक्षण सहित आदान-प्रदान की स्थापना सहित मानव अंतरिक्ष उड़ान पर सहयोग को मजबूत करना।
  • दूरसंचार और रेगुलेशन पर सार्वजनिक-निजी संवाद शुरू करना।
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