पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टिंग : चैनल्स को प्रतिदिन 30 मिनट पब्लिक सर्विस से जुड़े कंटेंट प्रसारित करने होंगे
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नवंबर 2023 में जारी भारत में सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश, 2022 में अनिवार्य पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टिंग (public service broadcasting) पर हाल में एक एडवाइजरी जारी की है।
क्या है एडवाइजरी?
- मंत्रालय ने ब्रॉडकास्टर्स से 1 मार्च, 2023 से इसकी रिपोर्ट देने को कहा है।
- दिशानिर्देशों में, अन्य बातों के अलावा, प्राइवेट चैनल प्रसारकों को हर दिन 30 मिनट के लिए पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टिंग करना अनिवार्य होगा। इसके तहत शामिल कंटेंट में शिक्षा और साक्षरता; कृषि और ग्रामीण विकास; स्वास्थ्य और परिवार कल्याण; विज्ञान और प्रौद्योगिकी; महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों का कल्याण; पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा; और राष्ट्रीय एकीकरण से जुड़े विषय शामिल हो सकते हैं।
- निजी ब्रॉडकास्टर्स द्वारा प्रसारित 30 मिनट की दैनिक पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टिंग को अन्य टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित कार्यक्रमों में एम्बेड किया जा सकता है। प्रसारकों को कंटेंट को संशोधित करने की स्वतंत्रता है। हालांकि, इसे इस तरह से किया जाना चाहिए कि पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टिंग के समग्र उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके।
- निजी टीवी चैनलों द्वारा स्वैच्छिक अनुपालन और स्व-प्रमाणन के माध्यम से पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टिंग के उद्देश्य को प्राप्त करने की सलाह दी गई है।
- जरुरी नहीं है कि कंटेंट लगातार 30 मिनट का नहीं होना चाहिए। इसे छोटे समय स्लॉट में प्रसारित किया जा सकता है।
- ऐसे कंटेंट प्रति माह संचयी रूप से 15 घंटे के होंगे।
- ऐसे कंटेंट के प्रसारण का समय लचीला होगा, सिवाय इसके कि आधी रात से सुबह 6 बजे तक प्रसारित किसी भी कंटेंट को पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टिंग दायित्व के तहत नहीं माना जाएगा।
- हालाँकि स्वैच्छिक अनुपालन और स्व-प्रमाणन मार्गदर्शक सिद्धांत होंगे, लेकिन प्रसारकों को अगले महीने के सातवें दिन या उससे पहले प्रसारण सेवा पोर्टल पर एक मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी।
- ब्रॉडकास्टर वार्षिक रिपोर्ट में एक अनुपालन प्रमाणपत्र शामिल करेंगे।
- विदेशी चैनल द्वारा भारत में डाउनलिंकिंग (यानी भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं के अलावा अन्य भाषाओं में प्रोग्राम ब्रॉडकास्टिंग) इस दायित्व से मुक्त होंगे।
- साथ ही मुख्य रूप से (12 घंटे से अधिक) खेल और भक्ति/आध्यात्मिक/योग कंटेंट प्रसारित करने वाले चैनलों को प्रसारण सेवा पोर्टल पर मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने से छूट दी जाएगी।
- प्रसारकों को 90 दिनों की अवधि के लिए प्रसारित होने वाले कंटेंट का रिकॉर्ड रखना होगा। मंत्रालय के तहत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर भी इसे इतना दिन रिकॉर्ड रखेगा।