ग्रीन वॉयज 2050 प्रोजेक्ट

आठवीं नॉर्वे-भारत समुद्री संयुक्त कार्य समूह की बैठक मुंबई में 17 नवंबर, 2022 को आयोजित की गई थी। ग्रीन समुद्री भविष्य (green maritime future) पर नॉर्वे-भारत सहयोग पर इस दौरान उपयोगी चर्चा हुई।

दोनों सरकारों ने ग्रीन मेरीटाइम क्षेत्र के लिए अपने दृष्टिकोण और योजनाओं को प्रस्तुत किया।

समुद्री क्षेत्र के बारे में भारत-नॉर्वे संयुक्त कार्य समूह की बैठकें नियमित आधार पर आयोजित की जा रही हैं। नवंबर, 2019 में ओस्लो में समुद्री क्षेत्र के बारे में संयुक्त कार्य समूह की 7वीं बैठक आयोजित की गई थी। 7वीं बैठक के दौरान जहाज निर्माण में सहयोग, नाविकों के कौशल को बढ़ाने और पर्यावरण के अनुकूल जहाजों के मुद्दों पर चर्चा की गई।

18 नवंबर 2022 को आयोजित संयुक्त कार्य समूह की 8वीं बैठक में भविष्य के पोत परिवहन के लिए ग्रीन अमोनिया और हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर चर्चा हुई। नार्वे का हरित पोत परिवहन कार्यक्रम सफल रहा है और बैठक में अनुभव और विशेषज्ञता साझा की गई।

बता दें कि भारत और नॉर्वे हरित जलमार्ग 2050 परियोजना (Green Voyage 2050 project) का हिस्सा है। दोनों पक्ष सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इच्छा, समर्पण, साझेदारी और क्षमता निर्माण पर सहमत हुए।

भारत जहाजों के पुनर्चक्रण के लिए हांगकांग कन्वेंशन (Hongkong Convention for Recycling of Ships) का हस्ताक्षरकर्ता देश है।

ग्रीन वॉयज 2050 प्रोजेक्ट

ग्रीन वॉयज 2050 प्रोजेक्ट नॉर्वे सरकार और अंतर्राष्ट्रीय सामुद्रिक संगठन (IMO) के बीच मई 2019 में शुरू की गई एक साझेदारी परियोजना है, जिसका उद्देश्य शिपिंग उद्योग को कम कार्बन भविष्य की ओर बदलना है।

इस परियोजना के तहत अंतरराष्ट्रीय शिपिंग के लिए प्रासंगिक जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा दक्षता लक्ष्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में लघु द्वीपीय विकासशील देशों (SIDS) और अल्प विकसित देशों (LDCs) समेत विकासशील देशों का समर्थन कर रही है।

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