सरकार ने जनगणना प्रबंधन से जुड़े कंप्यूटर सिस्टम को “संरक्षित प्रणाली” घोषित किया

केंद्र सरकार ने दशकीय जनगणना से संबंधित वेबसाइटों और एप्लिकेशंस और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को 7 नवंबर को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2008 की धारा 70 के तहत “संरक्षित प्रणाली” या “महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना” (Critical Information Infrastructure) के रूप में अधिसूचित किया है।

इस अधिसूचना का अर्थ है कि किसी भी व्यक्ति को जनगणना के एप्लिकेशंस, एनपीआर डेटाबेस या भारत के महापंजीयक (RGI) के डेटा केंद्रों से जुड़े डेटा में छेड़छाड़ या अनधिकृत पहुंच को 10 साल के कारावास की सजा हो सकती है।

4 नवंबर को एक गजट अधिसूचना के माध्यम से, केंद्र सरकार ने जनगणना निगरानी और प्रबंधन प्रणाली (Census Monitoring and Management System: CMMS) वेब पोर्टल, स्वयं गणना (SE) वेब पोर्टल, नागरिक पंजीकरण प्रणाली (Civil Registration System: CRS) वेब पोर्टल, हाउस लिस्टिंग के लिए मोबाइल एप्लिकेशन, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अपडेशन, और एनपीआर डेटाबेस, जनगणना डेटाबेस और CRS डेटाबेस इत्यादि को ‘संरक्षित सिस्टम’ (Protected Systems) बनाया जाएगा।

IT अधिनियम ‘महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना’ को एक ऐसे कंप्यूटर संसाधन के रूप में परिभाषित करता है जिसकी अक्षमता या हानि का राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, सार्वजनिक स्वास्थ्य या सुरक्षा पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है।

अधिनियम के अनुसार, जो कोई भी कानून के उल्लंघन में संरक्षित प्रणाली तक सुरक्षित पहुंच प्राप्त करने का प्रयास करता है, उसे दस साल तक के कारावास के साथ-साथ जुर्माना भी भुगतना होगा।

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