विवाद से विश्वास-2 का मसौदा जारी किया गया

वित्त मंत्रालय ने हितधारकों या संबंधित पक्षों के साथ सुझाव के लिए “विवाद से विश्वास II (संविदात्मक विवाद)” नामक एकमुश्त समाधान योजना का ड्राफ्ट जारी किया है।

इस योजना का उद्देश्य कुछ ऐसे संविदात्मक या अनुबंध संबंधी विवादों (contractual disputes) को शीघ्र ही अंतिम रूप देना है जिनमें भारत सरकार या इसकी एजेंसियां वादी हैं।

केंद्रीय बजट 2023-24 में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुसार वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा इस योजना का मसौदा तैयार किया गया है। विवाद से विश्वास 2 (Vivad se Vishwas 2) का उद्देश्य इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देना है और यह 30 सितंबर 2022 तक के विवादों को कवर करेगा।

विवाद से विश्वास 2 (Vivad se Vishwas 2): मुख्य विशेषताएं

यह योजना उन विवादों पर लागू होगी जहां एक पक्ष या तो भारत सरकार या उसके अग्रलिखित संगठन हैं: भारत सरकार के सभी स्वायत्त निकाय या संस्‍थाएं; सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थान; सभी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम; केंद्र शासित प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और उनकी सभी एजेंसियां/उपक्रम; और सभी संगठन, जैसे कि मेट्रो कॉरपोरेशन, जिनमें भारत सरकार की 50% हिस्सेदारी है; हालांकि, ये संगठन निदेशक मंडल के अनुमोदन से अपने विवेक से इस योजना से बाहर हो सकते हैं।

विवाद, जहां उपर्युक्‍त खरीद संस्थाओं के साथ-साथ किसी अन्य पार्टी (राज्य सरकार या निजी पार्टी) के खिलाफ दावे किए गए हैं, इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे।

खरीद संगठनों के खिलाफ केवल वित्तीय दावों वाले विवादों को ही इस योजना के माध्यम से सुलझाया जाएगा।

इस योजना में ग्रेडेड सेटलमेंट शर्तों का प्रस्ताव किया गया है जो कि विवाद के लंबित स्तर पर निर्भर करेंगी।

इसके तहत केवल घरेलू मध्यस्थता (domestic arbitration) से जुड़े मामलों को ही कवर करने का प्रस्ताव है और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता से जुड़े मामले इस योजना के तहत निपटाने के पात्र नहीं हैं।

यह योजना सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) के माध्यम से लागू की जाएगी, जो इसके लिए एक ऑनलाइन सुविधा प्रदान करेगा। यह 30 सितंबर 2022 तक के विवादों को कवर करेगा।

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