जियो-हेरिटेज स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक, 2022 का मसौदा
खान मंत्रालय ने दिसंबर 2022 में जियो-हेरिटेज स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक, 2022 (Geo-heritage Sites and Geo-relics (Preservation and Maintenance) Bill, 2022) का मसौदा जारी किया था।
मसौदा के मुख्य बिंदु
- बिल का उद्देश्य जियो-हेरिटेज साइटों को “भूवैज्ञानिक अध्ययन, शिक्षा, अनुसंधान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना है क्योंकि यह एक गैर-नवीकरणीय संपदा है”। इसका मतलब यह है कि एक बार इनके नष्ट होने से दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता।
- यह विधेयक भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) को ऐसी साइटों को ‘जियो-हेरिटेज’ वैल्यू के रूप में घोषित करने, अवशेषों (जीवाश्म, चट्टानों) को अपने कब्जे में लेने की शक्ति देता है, जो निजी हाथों में हैं, ऐसी साइट के चारों ओर 100 मीटर के दायरे में निर्माण पर रोक लगाते हैं, और ऐसे स्थलों को नुकसान पहुँचाने और साइट के निर्देशों का उल्लंघन करने पर GSI के महानिदेशक द्वारा 5 लाख रूपये तक का जुर्माना का आदेश और कारावास का प्रावधान करता है।
विधेयक से जुड़ी चिंताएं
- कुछ शोधकर्ताओं ने खान मंत्रालय के तहत आने वाले 170 साल पुराने संगठन, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) को बहुत अधिक शक्तियां सौंपे जाने पर चिंता जताई है।
- शोधकर्ताओं का तर्क है कि GSI महानिदेशक को सभी अधिकार दिए जाने के बजाय, इस क्षेत्र से कई संस्थानों के विशेषज्ञों से मिलकर एक व्यापक समिति गठित करने की आवश्यकता है।
- एक व्यापक समिति गठित होने पर वास्तव में इस क्षेत्र में काम करने वाले शोधकर्ताओं के सामने आने वाली रुचियों और कठिनाइयों को ध्यान में रखा जायेगा।
जियो-हेरिटेज को सुरक्षा की आवश्यकता क्यों है?
- भारत के समृद्ध भूगर्भीय स्मारक, जो चट्टानों, तलछट और जीवाश्मों के रूप में पृथ्वी के उथल-पुथल भरे, विकसित होते इतिहास को समेटे हुए हैं, नष्ट होने के गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं।
- भूवैज्ञानिक लैंडस्केप पृथ्वी के विकासात्मक इतिहास के आर्काइव हैं। ये पृथ्वी में उन प्रक्रियाओं का एक आर्काइव हैं जो इसके इतिहास का निर्माण करते हैं।
- जिस तरह से वन्यजीव या वनों को महत्ता प्राप्त होती रही हैं, ठीक वैसी ही महत्ता भारत में भूविज्ञान विरासतों को कभी भी नहीं मिला।
- शोधकर्ताओं के अनुसार यदि कोई पुराने औपनिवेशिक मानचित्रों को देखे तो, तो जंगल या वृक्षों के आवरण से रहित क्षेत्रों बंजर भूमि माना जाता था, और यह सोच आज भी कायम है। यह विचार कि लैंडस्केप का भी कोई आंतरिक मूल्य होता है, यह सोच बिल्कुल गायब है। जियो हेरिटेज के संरक्षण व जागरूकता के माध्यम से लैंडस्केप के आंतरिक मूल्य के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सकता है।
भारत में जियो-हेरिटेज
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI), संरक्षण और रखरखाव के उद्देश्य से जियो-हेरिटेज स्थलों/राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारकों की घोषणा करता है।
- बता दें कि भारतीय उपमहाद्वीप का यूरेशिया से 50 मिलियन वर्ष पहले टकराव, जिसने हिमालय को जन्म दिया, को इसके इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक घटनाओं में से एक माना जाता है।
- GSI ने शिवालिक जीवाश्म पार्क, हिमाचल प्रदेश सहित 32 भू-विरासत स्थलों की घोषणा की है। इनमें स्ट्रोमेटोलाइट फॉसिल पार्क, झारमार्कोट्रा रॉक फॉस्फेट डिपॉजिट-उदयपुर जिला, अकल फॉसिल वुड पार्क-जैसलमेर, लेकिन कई जीर्णता के चरणों में हैं।
भारत में जियो-हेरिटेज
S. No | Geological heritage site /National geological monument | S. No | Geological heritage site /National geological monument |
ANDHRA PRADESH | 18 | Kishangarh Nepheline Syenite, Ajmer Dist. | |
1 | Volcanogenic bedded Barytes, Mangampeta, Cuddapah Dist. | 19 | Welded Tuff, Jodhpur Dist. |
2 | Eparchaean Unconformity, Chittor Dist. | 20 | Jodhpur Group – Malani Igneous Suite Contact, Jodhpur Dist. |
3 | Natural Geological Arch, Tirumala Hills, Chittor Dist. | 21 | Great Boundary Fault at Satur, Bundi Dist. |
4 | Erra Matti Dibbalu- the dissected and stabilized coastal red sediment mounds located between Vishakhapatnam and Bhimunipatnam. | MAHARASHTRA | |
KERALA | 22 | Lonar Lake, Buldana Dist. | |
5 | Laterite near Angadipuram PWD rest house premises, Malapuram Dist. | CHATTISGARH | |
6 | Varkala Cliff Section, Thiruvanatapuram Dist. | 22 | Lower Permian Marine bed at Manendragarh, Surguja Dist. |
TAMILNADU | KARNATAKA | ||
7 | Fossil wood near Tiruvakkarai, South Arcot Dist. | 24 | Columnar Lava, St Mary Island Udupi Dist. |
8 | National fossil wood park, Sattanur, Tiruchirapalli Dist. | 25 | Pillow lavas near Mardihalli, Chitradurga Dist. |
9 | Charnockite, St. Thomas Mount, Madras. | 26 | Peninsular Gneiss, Lalbagh, Banglore |
10 | Badlands of Karai Formation with Cretaceous fossils along Karai – Kulakkalnattam Section, Perambalur District. | 27 | Pyroclastics & Pillow lavas, Kolar Gold fields, Kolar Dist. |
GUJARAT | HIMACHAL PRADESH | ||
11 | Sedimentary Structures – Eddy Markings, Kadan Dam, Panch Mahals Dist. | 28 | Siwalik Fossil Park, Saketi, Sirmur dt., |
RAJASTHAN | ODISHA | ||
12 | Sendra Granite, Pali Dist. | 29 | Pillow Lava in lron ore belt at Nomira, Keonjhar dist. |
13 | Barr Conglomerate, Pali Dist. | JHARKHAND | |
14 | Stromatolite Fossil Park, Jharmarkotra Rock Phosphate deposit, Udaipur Dist. | 30 | Plant Fossil bearing Inter-trappean beds of Rajmahal Formation, upper Gondwana sequence around Mandro, Sahibganj dist. |
15 | Gossan in Rajpura-Dariba Mineralised belt, Udaipur Dist. | NAGALAND | |
16 | Stromatolite Park near Bhojunda, Chittaurgarh Dist. | 31 | Nagahill Ophiolite Site near Pungro, |
17 | Akal Fossil Wood Park, Jaisalmer Dist. | SIKKIM | |
32 | Stromatolite bearing Dolomite / Limestone of Buxa Formation at Mamley, near Namchi, South district. |