विदेश व्यापार नीति 2023 घोषित
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने 31 मार्च को विदेश व्यापार नीति 2023 (Foreign Trade Policy 2023) लांच की। यह ‘ भरोसे ‘ के सिद्धांतों तथा निर्यातकों के साथ ‘ साझीदारी ‘ पर आधारित है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सेवाओं तथा वस्तुओं सहित भारत का समग्र निर्यात पहले ही 750 बिलियन डॉलर से अधिक हो चुका है और इस वर्ष इसके 760 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाने की उम्मीद है।
नीति का प्रमुख दृष्टिकोण इन चार स्तंभों : ( i ) प्रोत्साहनों से छूट की ओर बढ़ना, ( ii ) गठबंधनों – निर्यातकों, राज्यों, जिलों, भारतीय मिशनों के माध्यम से निर्यात संवर्धन, ( iii) इज ऑफ डूइंग बिजनेस, कारोबार लागत में कमी तथा ई-पहल और ( iv ) उभरते क्षेत्र- निर्यात हबों के रूप में ई-कॉमर्स विकासशील जिले तथा स्कोमेट नीति को विवेकपूर्ण बनाना, पर आधारित है।
विदेश व्यापार नीति 2023 का लक्ष्य निर्यातकों के लिए व्यवसाय करने की सुगमता को सरल बनाने के लिए प्रोसेस रि-इंजीनियरिंग तथा ऑटोमेशन पर ध्यान केंद्रित करना है।
इस नीति का फोकस स्कोमेट ( SCOMET) के तहत ड्यूल यूज हाई एंड टेक्नोलॉजी आइटम्स जैसे उभरते क्षेत्रों, ई-कॉमर्स निर्यात को सुगम बनाने, निर्यात संवर्धन के लिए राज्यों तथा जिलों के साथ गठबंधन करने पर भी है।
नयी नीति प्रोत्साहन राशि व्यवस्था से एक ऐसी व्यवस्था की ओर बढ़ती है जो टेक्नोलॉजी इंटरफेस तथा गठबंधन के सिद्धांतों पर आधारित है, निर्यात संवर्धन और विकास पर जोर देती है।
FTP 2023 पहले की ‘ व्यवसाय करने की सुगमता ‘ पहलों के आधार पर एक पेपरलेस, ऑनलाइन माहौल में कार्यान्वयन तंत्रों को संहिताबद्ध करता है। शुल्क संरचनाओं में कमी तथा IT आधारित योजनाओं से MSME तथा अन्य लोगों के लिए निर्यात लाभ प्राप्त करना सरल हो जाएगा।
FTP 2023 ‘‘टाऊंस ऑफ एक्सपोर्ट एक्सेलेंस स्कीम ‘‘ (Towns of Export Excellence: TEE) के माध्यम से नए शहरों तथा ‘‘स्टेटस होल्डर स्कीम ‘‘ के माध्यम से निर्यातकों को सम्मानित करने को भी प्रोत्साहित करती है। चार नए शहरों- जिनमे नाम फरीदाबाद, मिर्जापुर, मुरादाबाद तथा वाराणसी हैं, को विद्यमान 39 शहरों के अतिरिक्त TEE के रूप में शामिल किया गया है।
TEE की MAI स्कीम के तहत निर्यात संवर्धन फंडों तक प्राथमिकता के आधार पर पहुंच होगी।
ईच वन, टीच वन पहल के समान ही, 2-स्टार और उउसे ऊपर वाले स्टेटस धारकों को इच्छुक व्यक्तियों को एक मॉडल करीकुलम पर आधारित व्यापार संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
FTP का लक्ष्य राज्य सरकरों के साथ साझीदारी करना और जिला स्तर पर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यात हब (EEH ) पहलों के रूप में जिलों को आगे ले जाने के लिए तथा जमीनी स्तर के व्यापार इकोसिस्टम के विकास में तेजी लाना है।
भारत को एक मर्चेंटिंग व्यापार हब के रूप में विकसित करने के लिए, FTP 2023 ने मर्चेंटिंग व्यापार के लिए प्रावधान प्रस्तुत किए हैं। मर्चेंटिंग व्यापार में भारतीय बंदरगाहों को छुए बिना एक देश से दूसरे देश में वस्तुओं का निर्यात शामिल होता है जिसमें एक भारतीय मध्यवर्ती की भागीदारी होती है।
स्कोमेट नीति (SCOMET: Special Chemicals, Organisms, Materials, Equipment and Technologies) को युक्तिसंगत बनाने की बात कही गयी है।
FTP 2023 ई-कॉमर्स हबों की स्थापना तथा पेमेंट रिकौंसिलिशन, बुककीपिंग, रिटर्न नीति तथा निर्यात पात्रता जैसे संबंधित तत्वों के लिए अभिप्राय तथा रूपरेखा दर्शाती है। आरंभिक बिन्दु के रूप में, कूरियर के माध्यम से FTP 2023 में ई-कॉमर्स निर्यात पर खेप-वार अधिकतम सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ा कर 10 लाख रुपये कर दिया गया है।
सरकार निर्यात दायित्वों पर डिफॉल्ट पर ध्यान देने के लिए FTP 2023 के तहत एक विशेष एकमुश्त एमनेस्टी स्कीम लागू कर रही है। इस स्कीम का प्रयोजन उन निर्यातकों को राहत प्रदान करना है जो EPCG और अग्रिम प्राधिकरणों के तहत अपने दायित्वों का निर्वहन करने में अक्षम हैं और जो उच्च शुल्क तथा लंबित मामलों से जुड़ी ब्याज लागत के बोझ से दबे हुए हैं।