विदेशी वकील भारत में प्रैक्टिस कर सकते हैं लेकिन अदालत में पेश नहीं हो सकते-बार काउंसिल ऑफ इंडिया
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने 13 मार्च 2023 को आधिकारिक राजपत्र प्रकाशित कर भारत में विदेशी वकीलों और विदेशी कानून फर्मों के पंजीकरण और विनियमन के नियम, 2022 को अधिसूचित किया। इस अधिसूचना के माध्यम से, BCI ने विदेशी वकीलों और कानून फर्मों को भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति दी है।
प्रमुख शर्तें
हालांकि विदेशी वकील और विदेशी कानून फार्म अदालत में उपस्थित नहीं हो सकते, परन्तु वे क्लाइंट को विदेशी कानून पर सलाह दे सकते हैं और कॉर्पोरेट लेनदेन विषयों पर काम कर सकते हैं।
एडवोकेट्स एक्ट के अनुसार, केवल बार काउंसिल में नामांकित अधिवक्ता भारत में कानून की प्रैक्टिस करने के हकदार हैं। अन्य सभी, जैसे कि एक वादी, केवल न्यायालय, प्राधिकारी या उस व्यक्ति की अनुमति से उपस्थित हो सकता है जिसके समक्ष कार्यवाही लंबित है।
उपर्युक्त अधिसूचना अनिवार्य रूप से विदेशी वकीलों और कानून फर्मों को भारत में प्रैक्टिस करने के लिए BCI के साथ रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति देती है यदि वे अपने घरेलू देशों में प्रैक्टिस करने के हकदार हैं।
हालाँकि, वे भारत में भारतीय कानूनों पर प्रैक्टिस नहीं कर सकते। साथ ही विदेशी वकीलों या विदेशी लॉ फर्मों को किसी भी अदालत, ट्रिब्यूनल या अन्य वैधानिक या रेगुलेटरी ऑथॉरिटीज के समक्ष पेश होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्हें पारस्परिक आधार पर लेनदेन संबंधी कार्य/कॉर्पोरेट कार्य जैसे संयुक्त उद्यम, विलय और अधिग्रहण, बौद्धिक संपदा मामले, कॉन्ट्रैक्ट का मसौदा तैयार करने और अन्य संबंधित मामलों की प्रैक्टिस करने की अनुमति होगी।
उन्हें संपत्ति के हस्तांतरण, टाइटल की जांच या अन्य समान कार्यों से संबंधित किसी भी कार्य में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के बारे में
BC अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
यह भारत में लॉ प्रैक्टिस और कानूनी शिक्षा को नियंत्रित करता है।