नामीबिया से कूनो पार्क में आई मादा सियाया चीता ने दिया 4 शावकों को जन्म

नामीबिया से भारत लाये गए आठ चीतों में से एक सियाया (Siyaya) ने मार्च के अंतिम सप्ताह में मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चार शावकों को जन्म दिया। भारत में चीता के पुनर्वास इतिहास के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है।

वर्ष 1952 में चीतों के विलुप्त होने के 70 से अधिक वर्षों में भारत में पैदा हुए ये पहले चीता शावक हैं।

ये चार शावक किस जेंडर के हैं, इसका पता तुरंत नहीं लग पायेगा। इसे जानने में कम से कम तीन महीने लगेंगे।  इसके बाद ही इनको इनके जेंडर के हिसाब नाम दिया जाएगा।  

बता दें कि चीते 20 से 24 महीने के बीच प्रजनन की आयु तक पहुंचते हैं और इनकी गर्भधारण की अवधि 90 से 100 दिनों के बीच होती है। चूँकि ये चीते सितंबर 2022 में कूनो नेशनल पार्क  में छोड़े गए गए थे,  इसलिए इनकी ब्रीडिंग प्रोसेस कूनो में ही हुई थी।

चीता के बारे में

चीता पृथ्वी पर दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है।  यह शिकार को पकड़ने के लिए घास के मैदानों में 70 मील प्रति घंटे (112 किमी/घंटा) की गति से दौड़ सकता है। शिकार,  हैबिटेट के नुकसान और खाने के लिए पर्याप्त शिकार नहीं होने के कारण 1952 में भारत में आधिकारिक रूप से विलुप्त हो गया था।

दुनिया में बचे 7,000 चीतों में से अधिकांश अब अफ्रीकी देशों; दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना में प्राप्त होते हैं।

एशियाई चीता क्रिटिकली एंडेंजर्ड है और अब केवल ईरान में पाया जाता है। वहां लगभग लगभग 50 चीता  बचे हुए हैं।

वहीं चीता (अफ्रीकी चीता) को   IUCN की संकटापन्न प्रजातियों की लाल सूची में “वल्नरेबल” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

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