केंद्रीय मंत्री ने कहा कि GM सरसों-DMH-11 ने फील्ड परीक्षणों में अधिक उपज दी है

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, GM सरसों हाइब्रिड- धारा सरसों हाइब्रिड-11 (Dhara Mustard Hybrid-11 : DMH-11) का तीन साल तक राष्ट्रीय चेक वरुणा और जोनल चेक RL1359 के खिलाफ सीमित फील्ड ट्रायल के दौरान परीक्षण किया गया है।

‘चेक्स’ (Checks) एक क्षेत्र में सरसों की रिफरेन्स वैरायटी को संदर्भित करता है और आमतौर पर, किसी नई किस्म की व्यावसायिक खेती की अनुमति देने से पहले यह साबित करना होता है लि नयी किस्म, पुरानी किस्म से बेहतर उपज देती है।

DMH-11 फील्ड ट्रायल के परिणाम

कई स्थानों पर जैव सुरक्षा अनुसंधान में DMH-11 ने नेशनल चेक की तुलना में लगभग 28% और क्षेत्रीय चेक्स की तुलना में 37% अधिक उपज दी है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, बार जीन (Bar gene) हर्बीसाइड टॉलरेंस के लिए जिम्मेदार है और इसे जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (GEAC) द्वारा मंजूरी दी गयी है

GEAC आनुवंशिक रूप से मॉडिफाइड बीजों की सेफ्टी का मूल्यांकन करने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अधिकृत विशेषज्ञों की एक स्वायत्त संस्था है।

बता दें कि भारत में व्यावसायिक रूप से खेती करने की अनुमति प्राप्त करने वाला एकमात्र अन्य ट्रांसजेनिक बीज बीटी कपास है।

विषाक्तता (तीव्र और उप-जीर्ण दोनों), एलर्जीनिटी, संरचनागत विश्लेषण, क्षेत्र परीक्षण और जीएम सरसों बनाम उनके गैर-ट्रांसजेनिक किस्मों के पर्यावरण सुरक्षा अध्ययनों पर किए गए व्यापक अध्ययन ने साक्ष्य प्रदान किया है कि GM सरसों (B. juncea) की किस्में; वरुणा बीएन 3.6, EH-2 modbs 2.99 और DMH-11 खेती और भोजन और चारे के उपयोग के लिए सुरक्षित हैं।

ट्रांसजेनिक और गैर-ट्रांसजेनिक फसलों की ओर मधुमक्खियों का आकर्षण समान रहा है। गौरतलब है कि कई विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि DMH-11 हाइब्रिड सरसों से मधुमक्खियां दूर चली जाती है और इस तरह परागण संकट पैदा हो सकता है।

सांसद सुशील कुमार मोदी प्रश्न पूछा था कि DMH-11, जिसमें तीन विदेशी जीन शामिल हैं, में ‘बार’ जीन की उपस्थिति के बावजूद ‘शाकनाशी-सहिष्णु’ (herbicide-tolerant’) बीज के रूप में वर्गीकृत क्यों नहीं किया गया। केंद्रीय मंत्री श्री सिंह ने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि किसानों को शाकनाशियों का उपयोग करने की अनुमति नहीं है, और इसका उपयोग केवल ‘हाइब्रिड बीज उत्पादन’ के लिए किया जा सकता था।

पौधे में ‘बार’ जीन इसे ग्लाइफोसेट नामक रसायन वाले शाकनाशियों के एक परिवार (bialaphos और bar) के लिए प्रतिरोधी बनाता है।

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