डायनेमिक ग्राउंड वॉटर रिसोर्स असेसमेंट रिपोर्ट: 1006 मूल्यांकन यूनिट्स ‘अति-दोहन’ श्रेणी में

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 9 नवंबर को वर्ष 2022 के लिये सम्पूर्ण देश की ‘डायनेमिक ग्राउंड वॉटर रिसोर्स असेसमेंट रिपोर्ट’ ( Dynamic Ground Water Resource Assessment Report) जारी की। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने मिलकर यह मूल्यांकन किया है, जिसे विभिन्न हितधारक समुचित कार्रवाई करने के लिये इस्तेमाल कर सकते हैं।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

वर्ष 2022 की मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, सम्पूर्ण देश के लिये कुल वार्षिक भूमि जल री-चार्ज (ground water recharge) 437.60 अरब घन मीटर है तथा सम्पूर्ण देश में वार्षिक रूप से 239.16 अरब घन मीटर भूमि जल निकाला (water extraction) गया।

देश में कुल 7089 मूल्यांकन इकाइयों में से 1006 इकाइयों को ‘अति-दोहन’ (Over-exploited) की श्रेणी में रखा गया है।

भूमि जल री-चार्ज में बढ़ोतरी देखी गई है, जिसका कारण नहरों से होने वाले रिसाव में बढ़ोतरी, सिंचाई के पानी का उलटा बहाव और जलस्रोतों/टंकियों तथा जल संरक्षण अवसंरचनायें हो सकती हैं

इसके अलावा, अति दोहन किये जाने वाली इकाइयों की संख्या में गिरावट तथा भूमि जल की निकासी-स्तर में गिरावट भी दर्ज की गई।

देश के कुल वार्षिक भूजल री-चार्ज में वर्षा (मानसून और गैर-मानसून दोनों) का समग्र योगदान 61% है और ‘अन्य स्रोतों’ से री-चार्ज का हिस्सा 39 प्रतिशत है है। ‘अन्य स्रोतों’ से री-चार्ज में नहर का रिसाव, सिंचाई के पानी का उलटा बहाव , टैंकों से री-चार्ज, तालाबों और जल संरक्षण इंफ्रास्ट्रक्टर हैं।

गोवा, गुजरात, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, राजस्थान और दमन और दीव राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में मानसून के मौसम के दौरान वर्षा से वार्षिक भूजल री-चार्ज में योगदान 70% से अधिक है।

भूजल का योगदान सिंचाई में लगभग 62 प्रतिशत, ग्रामीण जलापूर्ति में 85 प्रतिशत और शहरी जलापूर्ति में 50 प्रतिशत है।

बता दें कि देश के जल संसाधनों का आकलन 1901 में शुरू हुआ जब प्रथम सिंचाई आयोग ने सतही जल संसाधनों का आकलन 144 मिलियन हेक्टेयर मीटर के रूप में किया था।

error: Content is protected !!