Geospatial Hackathon: जियोस्पेशियल इकोसिस्टम में देगा इनोवेशन और स्टार्टअप को बढ़ावा

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने 14 जनवरी 2023 को “जियोस्पेशियल हैकथॉन” (Geospatial Hackathon) लॉन्‍च किया। यह हैकथॉन भारत के जियोस्पेशियल इकोसिस्टम में इनोवेशन और स्टार्टअप को बढ़ावा देगा।

जियोस्पेशियल हैकथॉन

डॉ. सिंह ने कहा कि हमारी आधी जनसंख्‍या 40 वर्ष से कम आयु की है और वे बहुत आकांक्षी है और यह स्पष्ट है कि भारतीय स्टार्ट-अप अर्थव्यवस्था ने एक बड़ी उपलब्धि अर्जित कर ली है क्योंकि इसने 2022 में यूनिकॉर्न क्लब में 100वां भारतीय स्टार्ट-अप जोड़ दिया है।

जियोस्पेशियल हैकाथॉन के योजना निर्माण, सहभागिता और डिजाइन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारतीय सर्वेक्षण विभाग, आईआईआईटी हैदराबाद और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने सहयोग किया है।

इस हैकथॉन का उद्देश्य न केवल सार्वजनिक और निजी भू-स्थानिक (Geospatial) क्षेत्रों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देना है, बल्कि हमारे देश के भू-स्थानिक स्टार्ट-अप इकोसिस्‍टम को भी मजबूत बनाना है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य 2030 को अर्जित करने के लिए हमारे देश के लिए प्रभावी नीति विकास, प्रोग्रामिंग और परियोजना प्रचालन के लिए विश्वसनीय भू-स्थानिक जानकारी होना अत्यावश्यक है।

2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी साझीदारी के लिए खोलने के बाद सरकार ने भू-स्थानिक क्षेत्र को उदार और लोकतांत्रिक बनाने के लिए कई पहल की हैं।

केंद्रीय मंत्री के अनुसार राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति के लॉन्‍च के साथ भारत पूरे भू-स्थानिक क्षेत्र में व्‍यवसाय करने की सुगमता को बढ़ावा देने के मार्ग पर चल रहा है और यह भारत के जीवंत और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी भू-स्थानिक इकोसिस्‍टम के निर्माण के मिशन को उत्प्रेरित करेगा।

भारतीय सर्वेक्षण विभाग इन उपयोग किए गए मामलों से चुनिंदा समस्या विवरण के लिए समाधान आमंत्रित करने के लिए तथा क्लाउड, ओपन API , ड्रोन आधारित मानचित्रण, साझा करने और डेटा की एक विस्तृत श्रृंखला एकीकरण जैसी आधुनिक भू-स्थानिक तकनीकों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए एक भू-स्थानिक डेटा प्रोसेसिंग, समाधान विकास, और सर्विसिंग चैलेंज चुनौती का प्रस्ताव कर रहा है।

“जियोस्पेशियल हैकाथॉन” 10 मार्च, 2023 को समाप्त हो जाएगा ; भू-स्थानिक चयन समस्या कथनों के सर्वश्रेष्ठ समाधान के लिए 4 विजेताओं का पता लगाने के लिए हैकाथॉन चुनौतियों के दो समूह होंगे – अनुसंधान चुनौती एवं स्टार्ट-अप चुनौती।

जियोस्पेशियल (Geospatial) प्रौद्योगिकियाँ

सरल शब्दों में, भू-स्थानिक या जियोस्पेशियल जानकारी भूगोल और मानचित्र है। यह “स्थान आधारित” या “स्थानीय” सूचना है। यह डेटा से जुड़ा हुआ है और मानचित्र पर चित्रित किया जाता है।

विभिन्न प्रकार की भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियाँ हैं: रिमोट सेंसिंग, भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS), ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) और इंटरनेट मैपिंग टेक्नोलॉजीज।

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