ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के सीमापार पाकिस्तान जाने की आशंका
द हिंदू में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Great Indian Bustards: GIBs) को पाकिस्तान के चोलिस्तान रेगिस्तान में देखा गया है, जिससे यह अनुमान लगाया गया था कि क्रिटिकली एंडेंजर्ड पक्षी भारत के डेजर्ट नेशनल पार्क (DNP) से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार चले गए हों।
- सुरक्षा की कमी और बड़े पैमाने पर शिकार के कारण पाकिस्तान में GIB क्रिटिकली एंडेंजर्ड हैं।
- GIB राजस्थान का राज्य पक्षी है। GIB को भारत का क्रिटिकली एंडेंजर्ड पक्षी माना जाता है और यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित है। राजस्थान में इसकी लगभग 150 जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या का 95% है।
- वर्ष 2019 में देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा क्रियान्वित एक परियोजना के माध्यम से डेजर्ट नेशनल पार्क में GIB के कैप्टिव प्रजनन जिम्मा लिया गया था। DNP में संयुक्त अरब अमीरात के हौबारा अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण कोष के समर्थन से 24 जीआईबी चूजों का पालन किया जा रहा है।
- राजस्थान पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है, ऐसे में यह संदेह है कि शिकारियों के आसान शिकार से बचने के लिए ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पड़ोसी देश के रेगिस्तान में उड़कर चले गए होंगे ।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के समक्ष खतरें
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के सिकुड़ते हैबिटैट के लिए सबसे बड़ा खतरा औद्योगीकरण, खनन और गहन कृषि पद्धतियां हैं। WII की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा ने संकेत दिया कि GIB खुले घास के मैदानों और ज्वार, मूंगफली और अरहर के कृषि क्षेत्रों को पसंद करता है। ग्रासलैंड कम हो रहे हैं।
- उनके अस्तित्व को आवारा कुत्तों से भी खतरा है जो बस्टर्ड के अंडों और चूजों पर हमला करने के लिए जाने जाते हैं। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड हर दो साल में एक बार एक या दो अंडे देती है। आवारा कुत्तें कभी-कभी अंडे खा जाते हैं और फिर शिशु मृत्यु दर भी बहुत अधिक है।
- राजस्थान राज्य में बस्टर्ड के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण खतरा हाई टेंशन बिजली लाइनें भी हैं। ट्रांसमिशन लाइनों से टकराकर बस्टर्ड जल जाते हैं।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड: संरक्षण पहल
- द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Ardeotis nigriceps) को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची- I में सूचीबद्ध किया गया है, जिससे यह शिकार से उच्चतम कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
- IUCN की रेड लिस्ट में इसे क्रिटिकली एंडेंजर्ड के रूप में लिस्ट किया गया है।
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के महत्वपूर्ण पर्यावासों को उनकी बेहतर सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय उद्यानों/अभयारण्यों के रूप में नामित किया गया है।
- केंद्र प्रायोजित योजना (CSS)-वन्यजीव पर्यावास के विकास के घटक ‘प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम’ (Species Recovery Programme) के तहत संरक्षण प्रयासों के लिए प्रजातियों की पहचान की गई है।
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और उसके पर्यावास को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के लिए वन्यजीव पर्यावास विकास की केंद्र प्रायोजित योजना के तहत राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।
- राजस्थान के कोटा जिले में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के लिए एक संरक्षण प्रजनन केंद्र की स्थापना के लिए एक साइट की पहचान की गई है।
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को भारत द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के आधार पर प्रवासी प्रजातियों पर कन्वेंशन (CMS) के परिशिष्ट I में शामिल किया गया है। यह गांधीनगर में आयोजित पक्षकारों के प्रतिष्ठित 13वें CMS सम्मेलन का शुभंकर भी था, जिसने प्रजातियों के संरक्षण के लिए व्यापक प्रचार किया।
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड एक प्रसिद्ध, क्रिटिकली एंडेंजर्ड और संरक्षण पर निर्भर पक्षी प्रजाति है, जो प्रवास के लिए अनेक देशों की सीमाओं को पार करती है। इस कारण पाकिस्तान-भारत और सीमावर्ती क्षेत्र में शिकार और भारत में बिजली-लाइन टकराव जैसी चुनौतियों से इसका प्रवासन प्रभावित होता है।