कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स को मिला अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट
चार भारतीय संस्थानों के वैज्ञानिकों के सहयोग से विकसित ‘कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cordy gold nanoparticles: Cor-AuNPs)’ ने जर्मनी से एक अंतरराष्ट्रीय पेटेंट अर्जित किया है।
- कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस (Cordyceps militaris) के अर्क और गोल्ड साल्ट की सिंथेसिस से प्राप्त ये नैनोपार्टिकल्स मानव शरीर में दवा वितरण को तेज और सुनिश्चित कर सकते हैं।
Cordyceps militaris
- Cordyceps militaris एक उच्च मूल्य वाला परजीवी कवक/fungus (मशरूम) है।
- गोल्ड साल्ट आमतौर पर दवा में इस्तेमाल होने वाले गोल्ड के आयनिक रासायनिक यौगिक होते हैं। अपने जबरदस्त औषधीय गुणों के लिए सुपर मशरूम कहे जाने वाले कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस, बेहतर पैठ के लिए गोल्ड के नैनोपार्टिकल्स के संश्लेषण में जैव सक्रिय घटकों को जोड़ता है।
नैनोगोल्ड पार्टिकल्स
- जैवसंश्लेषित (Biosynthesised) नैनोगोल्ड पार्टिकल्स चिकित्सीय दवाओं के विकास में नैनोपार्टिकल्स के एक नए एप्लिकेशंस का संकेत देते हैं जिन्हें मलहम, टैबलेट, कैप्सूल और अन्य रूपों में वितरित किया जा सकता है।
- गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (AuNPs) गोल्ड का महीन कण होते हैं जिनका व्यास 1 से 100 नैनोमीटर होता है, जो एक बार पानी में बिखर जाने के बाद कोलाइडल गोल्ड के रूप में भी जाना जाता है।
- गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (AuNPs) त्वचा की बाधा को पार करने, शरीर में मेडिसिन डिलीवरी बढ़ाने में सक्षम हैं।
- गोल्ड नैनोपार्टिकल्स को त्वचा के प्रतिरक्षण और ट्रांसडर्मल डिलीवरी सिस्टम के अनुकूलन के लिए आशाजनक उम्मीदवार माना जाता है।
- गोल्ड नैनोपार्टिकल्स एक वाइन रेड कंपाउंड है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
- गोल्ड अपने क्रिस्टलीय रूप में विशेष रूप से घना होता है, जो इसे विकिरण अवशोषण के लिए उपयोगी बनाता है। एक उदाहरण के रूप में, गोल्ड नैनोपार्टिकल्स एक्स-रे विकिरण को दृढ़ता से अवशोषित करते हैं, जो एक्स-रे इमेजिंग या टोमोग्राफी द्वारा जटिल जीवों में उनका लोकलाइजेशन करने में सक्षम बनाता है, या रेडियोसेंसिटाइज़र के रूप में चिकित्सा में उनका उपयोग करता है।