वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया (sickle cell anemia) के उन्मूलन के लिए मिशन शुरू करने की घोषणा

वित्त वर्ष 2023-24 के संघीय बजट में, 2047 तक सिकल सेल एनीमिया (sickle cell anemia) को खत्म करने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों और परामर्श एक मिशन शुरू करने की घोषणा की गई है।

सिकल सेल रोग की जांच और प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए मध्य प्रदेश में राज्य हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन की स्थापना की गई है।

सिकल सेल रोग (SCD)

सिकल सेल रोग (SCD) एक क्रोनिक सिंगल जीन डिसऑर्डर है, जो क्रोनिक एनीमिया, तीव्र दर्दनाक एपिसोड, organ infarction और क्रोनिक ऑर्गन क्षति और जीवन प्रत्याशा में महत्वपूर्ण कमी के कारण एक दुर्बल प्रणालीगत सिंड्रोम (debilitating systemic syndrome) का कारण बनता है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत, भारत सरकार राज्यों को उनके वार्षिक पीआईपी प्रस्तावों के अनुसार सिकल सेल रोग की रोकथाम और प्रबंधन के लिए सहायता करती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2016 में सिकल सेल एनीमिया सहित हीमोग्लोबिनोपैथी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए तकनीकी ऑपरेशनल दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।

उपचार के संदर्भ में, NHM के तहत राज्य के प्रस्ताव के अनुसार सभी सिकल सेल रोगियों (पुरुषों और महिलाओं) को कैप्सूल हाइड्रोक्सीयूरिया और मुफ्त रक्त ट्रांस्फ्यूजन के लिए मदद दी जाती है।

रेयर डिजीज की परिभाषा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रति 1000 जनसंख्या पर 1 या उससे कम के मामले के साथ अक्सर दुर्बल करने वाली आजीवन बीमारी या विकार की स्थिति को रेयर डिजीज के रूप में परिभाषित किया गया है।

फिर भी, कुछ विकसित और विकासशील देशों की अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप अपनी परिभाषाएँ हैं। इसके परिणामस्वरूप रेयर डिजीज की परिभाषा में विषमता आ गई है और इसलिए राष्ट्रों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई है।

फिर भी यह आम तौर पर स्वीकार किया जाता है कि प्रति 100,000 जनसंख्या पर 100 से कम रोगियों वाले रोग को रेयर डिजीज के रूप में वर्णित किया जाये और प्रति 100,000 पर 2 से कम रोगियों को अति रेयर डिजीज के रूप में वर्णित किया जाये।

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