“एंडोर्समेंट नो हाउ!” गाइडलाइन्स
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत उपभोक्ता मामले विभाग ने मशहूर हस्तियों, इन्फ्लुएंसर्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वर्चुअल रूप से इन्फ्लुएंस करने वालों के लिए “एंडोर्समेंट नो हाउ!” (Endorsements Know-hows!) नामक गाइडलाइन्स का एक सेट जारी किया है।
- गाइडलाइन्स का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उत्पाद या सेवाओं को एंडोर्स करते समय व्यक्ति अपने दर्शकों/श्रोताओं को गुमराह न करें और वे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और ऐसे एंडोर्समेंट किसी भी संबंधित नियमों या दिशानिर्देशों के अनुपालन में हों।
गाइडलाइन्स के प्रमुख प्रावधान
- एंडोर्समेंट सरल और स्पष्ट भाषा में किया जाना चाहिए, और “विज्ञापन,” “स्पॉन्सर्ड,” “कोलैबोरेशन” या “पेड प्रमोशन” जैसे टर्म्स का उपयोग किया जा सकता है। ऐसे शब्दों को हैशटैग या हेडलाइन टेक्स्ट के रूप में दर्शाया जाना चाहिए।
- व्यक्तियों को ऐसे किसी भी उत्पाद या सेवा का प्रचार नहीं करना चाहिए जिसका उन्होंने व्यक्तिगत रूप से उपयोग या अनुभव नहीं किया है या जिसके बारे में पूरी तरह जांच-परख नहीं लिया है।
- व्यक्तियों या समूहों के पास दर्शकों तक पहुंच है और इन्फ्लुएंसर्स/मशहूर हस्तियों के अधिकार, ज्ञान, स्थिति या रिश्ते के कारण किसी उत्पाद, सेवा, ब्रांड या अनुभव के बारे में अपने दर्शकों की खरीदारी के फैसले या राय को प्रभावित करने की शक्ति है, जिसके बारे में उन्हें अपने दर्शकों के साथ, डिस्क्लोज करना चाहिए।
- ये गाइडलाइन्स मशहूर हस्तियों और इन्फ्लुएंसर्स को सलाह देते हैं कि वे हमेशा समीक्षा करें और खुद को संतुष्ट करें कि विज्ञापनदाता विज्ञापन में किए गए दावों को साबित करने की स्थिति में है।