केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए ‘एंडोर्समेंट्स नो-हाउ’ दिशा-निर्देश जारी किए
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के एंडोर्स्मेंट पर दिशानिर्देश जारी किए हैं। गाइडलाइन्स ‘एंडोर्समेंट्स नो-हाउ!’ (Endorsements Know-hows) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मशहूर हस्तियों, इन्फ्लुएंसर्स और वर्चुअल इन्फ्लुएंसर्स के लिए है।
एंडोर्स्मेंट पर दिशानिर्देश की जरुरत क्यों हैं?
- इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उत्पाद या सेवाओं का विज्ञापन करते समय मशहूर व्यक्ति अपने दर्शकों को गुमराह न करें और वे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और किसी भी संबंधित नियमों या दिशानिर्देशों के अनुपालन करते हों।
- फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया की बढ़ती पहुंच के साथ, मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के अलावा वर्चुअल इन्फ्लुएंसर के प्रभाव में भी वृद्धि हुई है। इससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन व्यक्तियों द्वारा विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं से उपभोक्ताओं के गुमराह होने का खतरा बढ़ गया है।
दिशानिर्देश के प्रमुख प्रावधान
- कोई भी सेलिब्रिटी, इन्फ्लुएंसर्स या वर्चुअल इन्फ्लुएंसर, जिसकी दर्शकों तक पहुंच है और वह जिस किसी उत्पाद, सेवा, ब्रांड का विज्ञापन करता है, उसे विज्ञापनदाता के साथ किसी भी लाभकार संबंध का खुलासा करना चाहिए।
- विज्ञापन सरल, स्पष्ट भाषा में किया जाना चाहिए और “विज्ञापन,” “प्रायोजित,” या “पेड प्रोमोशन” जैसे शब्दों का उपयोग किया जा सकता है।
- सेलिब्रिटी, इन्फ्लुएंसर्स या वर्चुअल इन्फ्लुएंसर को ऐसे किसी भी उत्पाद या सेवा का विज्ञापन नहीं करना चाहिए जिसके बारे में वह अधिक जाँच-परख नहीं किया हो या या फिर उसने व्यक्तिगत रूप से इनका इस्तेमाल या अनुभव नहीं किया हो।
- यदि नियमों का कोई उल्लंघन होता है, तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत भ्रामक विज्ञापनों के लिए निर्धारित जुर्माना लागू होगा।
- उस स्थिति में, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) निर्माताओं, विज्ञापनदाताओं और एंडोर्सर्स पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है और बार-बार अपराध करने पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- CCPA एक भ्रामक विज्ञापन के एंडोर्सर को एक वर्ष तक के लिए कोई भी एंडोर्समेंट करने से रोक सकता है और बाद के उल्लंघन के लिए निषेध को तीन साल तक बढ़ा सकता है।
- दिशानिर्देश को 2019 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप जारी किया गया है।
- अधिनियम ने उपभोक्ताओं को अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों से बचाने के लिए दिशानिर्देश स्थापित किए हैं।
- बता दें कि उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 9 जून 2022 को भ्रामक विज्ञापनों की रोकथामऔर भ्रामक विज्ञापनों के लिए समर्थन, 2022 (Misleading Advertisements and Endorsements for Misleading Advertisements, 2022) के लिए दिशानिर्देश प्रकाशित किए हैं।