सेंट्रल रिपॉजिटरी ऑफ इंफॉर्मेशन ऑन लार्ज क्रेडिट्स (CRILC)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 3 फरवरी को कहा कि बैंकिंग क्षेत्र रेसिलिएंट है और स्थिर बना हुआ है। अडानी समूह के विभिन्न बैंकों के रिस्क के बारे में अटकलों के बीच RBI की यह टिप्पणी आई है।
विवादास्पद हिंडनबर्ग रिपोर्ट और FPO वापसी क बाद अडानी समूह के स्टॉक की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गयी।
बैंकिंग रेगुलेटर RBI ने कहा कि उसके पास सेंट्रल रिपॉजिटरी ऑफ इंफॉर्मेशन ऑन लार्ज क्रेडिट्स (CRILC) डेटाबेस सिस्टम है जहां बैंक 5 करोड़ रुपये और उससे अधिक के अपने एक्सपोजर (ऋण) की रिपोर्ट करते हैं। इस डेटा का उपयोग निगरानी उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
बता दें कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों और कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा दिए गए अधिक कर्ज की सूचना देने के लिए CRILC फ्रेमवर्क बनाया है, जिसमें अन्य के अलावा, ऑफसाइट पर्यवेक्षण को मजबूत करना और स्ट्रेस्ड कर्ज की शीघ्र पहचान करना शामिल है।
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (UCBs) द्वारा दिए गए बड़े ऋणों को भी इस डेटाबेस के तहत लाया गया है। RBI ने ₹500 करोड़ और उससे अधिक की परिसंपत्ति वाले UCBs को CRILC रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क के तहत लाया है।