Chicago Convention: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सिविल एविएशन पर शिकागो से संबंधित तीन प्रोटोकॉल की अभिपुष्टि को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन कन्वेंशन (शिकागो कन्वेंशन/Chicago Convention), 1944 में संशोधन से संबंधित अनुच्छेद-3 bis और अनुच्छेद 50 (ए) और अनुच्छेद 56 से जुड़े तीन प्रोटोकॉल की अभिपुष्टि को मंजूरी दी।
- शिकागो कन्वेंशन के सभी अनुच्छेद कन्वेंशन करने वाले सभी देशों के विशेषाधिकारों और दायित्वों को स्थापित करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय वायुपरिवहन को विनियमित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय ICAO मानकों एवं अनुशंसित कार्यप्रणालियों को अपनाने को बढ़ावा देते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन कन्वेंशन “शिकागो कन्वेंशन”, 1944 में संशोधन से संबंधित निम्नलिखित तीन प्रोटोकॉल की पुष्टि को मंजूरी दी गई है:
- i. उड़ान भर रहे नागरिक विमानों के खिलाफ हथियारों के उपयोग का सहारा लेने से सदस्य देशों को रोकने के लिए अनुच्छेद 3 bis को शामिल करने हेतु प्रोटोकॉल (प्रोटोकॉल पर मई, 1984 में हस्ताक्षर);
- ii. ICAO परिषद की सदस्य संख्या को 36 से बढ़ाकर 40 करने के लिए प्रोटोकॉल (प्रोटोकॉल पर अक्टूबर, 2016 में हस्ताक्षर); और
- iii. एयर नेविगेशन कमीशन की सदस्य संख्या को 18 से बढ़ाकर 21 करने के लिए प्रोटोकॉल (प्रोटोकॉल पर अक्टूबर, 2016 में हस्ताक्षर)।
शिकागो कन्वेंशन (Chicago Convention)
- अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन पर कन्वेंशन (जिसे शिकागो कन्वेंशन भी कहा जाता है) पर 7 दिसंबर 1944 को 52 देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। इस कन्वेंशन से अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (PICAO) की स्थापना की गई थी।
- ICAO 4 अप्रैल 1947 को अस्तित्व में आया। उसी वर्ष अक्टूबर में, ICAO संयुक्त राष्ट्र संघ के अंग आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) की एक विशेष एजेंसी बन गई।
- मार्च 2019 तक, शिकागो कन्वेंशन के193 पक्षकार देश थे, जिसमें लिकटेंस्टीन को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश शामिल है। भारत ICAO के पहले सदस्यों में से एक है।
- शिकागो कन्वेंशन (1944) के हस्ताक्षरकर्ता देशों के रूप में ICAO को 193 राष्ट्रीय सरकारों द्वारा वित्त पोषित और निर्देशित किया गया है ताकि वायु परिवहन में उनकी कूटनीति और सहयोग का समर्थन किया जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO)
- ICAO को 193 राष्ट्रीय सरकारों द्वारा शिकागो कन्वेंशन (1944) के हस्ताक्षरकर्ता देशों के रूप में वायु परिवहन में उनकी कूटनीति और सहयोग का समर्थन करने के लिए वित्त पोषित और निर्देशित किया गया है।
- वैसे ICAO कोई अंतरराष्ट्रीय विमानन नियामक नहीं है, जैसे इंटरपोल एक अंतरराष्ट्रीय पुलिस बल नहीं है।
- यह किसी देश के वायु क्षेत्र को मनमाने ढंग से बंद या प्रतिबंधित नहीं कर सकते, मार्गों को बंद नहीं कर सकते, या खराब सुरक्षा प्रदर्शन या ग्राहक सेवा के लिए हवाई अड्डों या एयरलाइनों की निंदा नहीं कर सकते।