सोमालिया में अकाल की स्थिति: अकाल कैसे घोषित किया जाता है?
सोमालिया विगत आधी सदी के अपने सबसे बुरे अकाल के कगार पर है। वहां सूखा का प्रकोप अधिक हो गया है और वैश्विक खाद्य कीमतें बढ़ गई हैं, जिससे सैकड़ों हजारों लोगों के भुखमरी से मरने का खतरा पैदा हो गया है।
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि आने वाले हफ्तों में देश के कुछ हिस्से अकाल की चपेट में आ जाएंगे – और अनुमान है कि यह 2011 की तुलना में अधिक गंभीर होगा। वर्ष 2011 की अकाल ने वहां एक लाख से अधिक लोगों की जान ले ली थी, उनमें से लगभग आधे बच्चे थे।
सहायता कर्मियों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन इसका मुख्य कारण है। सोमालिया – और पड़ोसी इथियोपिया और केन्या के कुछ हिस्सों में लगातार पांचवें वर्ष वर्षा का मौसम असफल रही है।
अकाल की घोषणा
अकाल की घोषणा किसी क्षेत्र में की जाती है जब भीषण भुखमरी पहले से ही फैली हुई हो, और जब लोग पर्याप्त पौष्टिक भोजन न होने के कारण भुखमरी से मरने लगे हों।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अकाल क्षेत्र घोषित करने के लिए प्रभावित क्षेत्र को तीन शर्तों को पूरा करना होगा: –
1. कम से कम 20% आबादी अत्यधिक भोजन की कमी का सामना कर रही हो,
2. कम से कम 30% बच्चे तीव्र कुपोषण से पीड़ित हों,
3. प्रत्येक 10,000 निवासियों में से कम से कम दो लोग प्रत्येक दिन भुखमरी, या गंभीर भूख और बीमारी के संयोजन के कारण मर रहे हैं।
अकाल घोषित करने का निर्णय आम तौर पर सरकार और संयुक्त राष्ट्र द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
अकाल की घोषणा राजनीतिक रूप से विवादास्पद हो सकती है क्योंकि सरकारें इसे अपने शासन पर कलंक के रूप में देख सकती हैं वहीं विपक्षी इसे शासन की विफलता और बुनियादी सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थता का आरोप लगा सकती हैं। इसलिए लाखों लोगों के प्रभवित होने के बावजूद औपचारिक अकाल की घोषणा नहीं की जाती है।