व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ ICC का गिरफ्तारी वारंट: अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय की क्या शक्तियां हैं?

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (International Criminal Court: ICC) ने 17 मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से बच्चों को अवैध रूप से निर्वासित करने और इन्हें रूसी संघ में स्थानांतरित करने के कथित युद्ध अपराध (war crime) के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

पुतिन के अलावा रूस की बाल अधिकार आयुक्त मारिया लावोवा-बेलोवा के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया।

क्या हैं तथाकथित अपराध?

पुतिन और बेलोवा कथित तौर पर रोम संविधि (Rome Statute) के अनुच्छेद 8(2)(ए)(vii) और 8(2)(बी)(viii) के तहत यूक्रेन के रूसी कब्जे वाले क्षेत्रों से बच्चों के अवैध निर्वासन और बच्चों को रूसी संघ में स्थानांतरित करने के युद्ध अपराध के लिए जिम्मेदार हैं।

रूस ने कहा कि उसके ICC सदस्य नहीं होने के कारण अदालत का कोई भी निर्णय “अमान्य और विधि शून्य” होगा।

हालाँकि, ICC का कदम एक ऐसी स्थिति पैदा करता है जहाँ पुतिन जब भी विदेश यात्रा पर जाते हैं उन पर गिरफ्तारी का खतरा रहेगा। यदि वह ICC के किसी पक्षकार सदस्य देश की यात्रा करते हैं, तो उस देश को अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों के अनुसार उन्हें गिरफ्तार करना होगा।

यह पहली बार है जब ICC ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के बारे में

ICC, जिसका मुख्यालय द हेग (नीदरलैंड) में है, की स्थापना 1998 में “रोम संविधि” नामक एक संधि के तहत की गई थी। यह संयुक्त राष्ट्र की संस्था नहीं है।

ICC मानवता के खिलफा अपराधों से जुड़े चार क्षेत्रों पर मुकदमा चला सकता है। ये हैं; 1. नरसंहार का अपराध; 2. युद्ध अपराध जो सशस्त्र संघर्ष के मामले में जिनेवा कन्वेंशन के गंभीर उल्लंघन से संबंधित हैं जिनमें बाल सैनिकों का उपयोग शामिल हैं; 3. युद्ध अपराधियों की हत्या या यातना; 4. आक्रामकता का अपराध।

वर्तमान में, ब्रिटेन, जापान, अफगानिस्तान और जर्मनी सहित 123 देश रोम संविधि के पक्षकार हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और चीन इसके पक्षकार नहीं हैं।

ICC की स्थापना सबसे जघन्य ऐसे अपराधों पर मुकदमा चलाने के लिए तभी की गई थी जब किसी देश की अपनी कानूनी मशीनरी फंक्शन करने में विफल रहती है, जैसा कि पूर्व यूगोस्लाविया और रवांडा में हुआ था।

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के विपरीत, जो देशों और अंतर-राज्यीय विवादों से निपटता है, ICC व्यक्तियों (individuals) पर मुकदमा चलाता है।

ICC का अधिकार क्षेत्र 1 जुलाई, 2002 को लागू होने के बाद होने वाले अपराधों तक सीमित है।

अपराध या तो उस देश में किए जाने चाहिए जिसने ICC समझौते यानी रोम संविधि की पुष्टि की हो या इसकी अभिपुष्टि करने वाले देश के किसी नागरिक द्वारा किये गए हो।

ICC संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा इसे सौंपे गए मामलों पर भी अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ)

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) संयुक्त राष्ट्र (UN) का प्रमुख न्यायिक अंग है।

यह जून 1945 में संयुक्त राष्ट्र के चार्टर द्वारा स्थापित किया गया था और अप्रैल 1946 में काम करना शुरू किया। कोर्ट की सीट द हेग (नीदरलैंड) में पीस पैलेस में स्थित है।

संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से, यह एकमात्र ऐसा अंग है जो न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका) में स्थित नहीं है।

ICJ 15 न्यायाधीशों से बना है, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा नौ साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं।

न्यायालय दो प्रकार के मामलों पर विचार कर सकता है: उसके समक्ष लाये गए देशों के बीच कानूनी विवाद (विवादास्पद मामले) और संयुक्त राष्ट्र के अंगों और विशेष एजेंसियों (सलाहकार कार्यवाही) द्वारा सौंपे गए कानूनी प्रश्नों पर सलाहकार राय के लिए अनुरोध।

केवल देशों (संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश और अन्य देश जो न्यायालय के क़ानून के पक्षकार बन गए हैं या जिन्होंने कुछ शर्तों के तहत इसके अधिकार क्षेत्र को स्वीकार कर लिया है) विवादास्पद मामलों के पक्षकार हो सकते हैं।

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