निर्वाचन आयोग ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया

भारत के निर्वाचन आयोग (ECI) ने 10 अप्रैल को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का राष्ट्रीय पार्टी का  दर्जा वापस ले लिया वहीं  आम आदमी पार्टी (AAP) राष्ट्रीय पार्टी का  दर्जा  प्रदान किया है।  

अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त राजनीतिक दल हैं: भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टिय, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और आम आदमी पार्टी।

ECI ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल, आंध्र प्रदेश में बीआरएस, मणिपुर में पीडीए, पुडुचेरी में पीएमके, पश्चिम बंगाल में आरएसपी और मिजोरम में एमपीसी को दी गई राज्य पार्टी का दर्जा भी रद्द कर दिया।

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा

आमतौर पर एक राष्ट्रीय पार्टी वह होती है जिसकी उपस्थिति ‘राष्ट्रीय स्तर पर’ हो, जबकि एक क्षेत्रीय पार्टी की उपस्थिति केवल एक विशेष राज्य या क्षेत्र तक ही सीमित होती है।

ECI ने किसी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता देने के लिए तकनीकी मानदंड निर्धारित किए हैं। इन निर्धारित शर्तों की पूर्ति के आधार पर एक पार्टी समय-समय पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त कर सकती है या खो सकती है।

ECI  के राजनीतिक दल और चुनाव चिह्न, 2019 (Political Parties and Election Symbols, 2019) हैंडबुक के अनुसार, एक राजनीतिक दल को एक राष्ट्रीय पार्टी माना जाएगा यदि:

i. यह चार या अधिक राज्यों में ‘मान्यता प्राप्त’ है; या

ii. अगर उसके उम्मीदवारों को पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनावों में किन्हीं चार या अधिक राज्यों में कुल वैध वोटों का कम से कम 6% वोट मिले हों और पिछले लोकसभा चुनावों में उसके कम से कम चार सांसद निर्वाचित हुए हों; या

iii यदि उसने लोकसभा की कुल सीटों में से कम से कम 2% सीटें जीती हों एयर ये सीटें कम से कम तीन राज्यों से प्राप्त हुए हों।

एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए, एक पार्टी को चाहिए:

i. पिछले विधानसभा चुनाव में कम से कम 6% मत प्रतिशत प्राप्त किये हों और कम से कम 2 विधायक चुने गए हों; या उस राज्य से पिछले लोकसभा चुनाव में 6% मत प्रतिशत प्राप्त किये हो और उस राज्य से कम से कम एक सांसद हो; या

ii. पिछले विधानसभा चुनाव में कुल सीटों का कम से कम 3% या तीन सीटें, जो भी अधिक हो प्राप्त किये हों; या

iii प्रत्येक 25 सांसदों में से  कम से कम एक सांसद उस पार्टी के हों या

iv. राज्य से पिछले विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव में कुल वैध वोटों का कम से कम 8% प्राप्त होना चाहिए।  

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