हाइड्रोट्राइऑक्साइड (ROOOH): वायुमंडल में खोजा गया नया और अत्यंत प्रतिक्रियाशील रसायन
शोधकर्ताओं ने एक अत्यधिक प्रतिक्रियाशील रसायन हाइड्रोट्राइऑक्साइड (hydrotrioxides) की खोज की है जिसके बारे में कहा जाता रहा है कि यह वायुमंडलीय परिस्थितियों में अधिक देर नहीं टिक सकता। लेकिन एक नए अध्ययन से पता चलता है कि हाइड्रोट्राइऑक्साइड कई घंटों तक वायुमंडल में रह सकता है – जिसका मानव स्वास्थ्य और वैश्विक जलवायु पर प्रभाव पड़ सकता है। ये रासायनिक रूप से ROOOH के रूप में लिखे जाते हैं, जहाँ R कोई बंधुआ समूह है, जैसे कि कार्बन समूह।
- यह रसायन अन्य यौगिकों के साथ बहुत तेज़ी से संपर्क करता है, और उनकी उपस्थिति का मतलब है कि रसायनज्ञों को पुनर्विचार करना होगा कि वायुमंडल में प्रक्रियाएं कैसे होती हैं।
- हाइड्रोट्राइऑक्साइड – रासायनिक यौगिक जिसमें हाइड्रोजन परमाणु और तीन ऑक्सीजन परमाणु होते हैं – कई सामान्य रासायनिक प्रतिक्रियाओं का एक नियमित उत्पाद है, और यह कि ये वायुमंडल में अन्य यौगिकों के साथ प्रतिक्रिया करने के लिए पर्याप्त स्थिर रह सकते हैं।
- हाइड्रोट्राइऑक्साइड नामक यह रिएक्टिव एक प्रकार का हाइड्रोजन पॉलीऑक्साइड (hydrogen polyoxide) है। पानी सबसे सरल और सबसे आम हाइड्रोजन पॉलीऑक्साइड है, जिसमें दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु या H2O होता है।
- एक अन्य हाइड्रोजन पॉलीऑक्साइड हाइड्रोजन पेरोक्साइड है, जिसमें दो ऑक्सीजन परमाणु होते हैं – H2O2 – और आमतौर पर ब्लीच या कीटाणुनाशक के रूप में उपयोग किया जाता है।
- अतिरिक्त ऑक्सीजन परमाणु भी कई पेरोक्साइड को अत्यधिक ज्वलनशील बनाता है, और उन्हें कभी-कभी रॉकेट ईंधन के एक घटक के रूप में उपयोग किया जाता है।
- हाइड्रोट्राइऑक्साइड एक और चरण है, क्योंकि उनके पास तीन ऑक्सीजन परमाणु एक दूसरे से जुड़े होते हैं, जो उन्हें पेरोक्साइड से भी अधिक प्रतिक्रियाशील बनाता है।
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