ब्लू वाटर नेवी (Blue Water Navy) क्या है?
हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) ‘ब्लू वाटर नेवी’ (Blue Water Navy) के रूप में देश की स्थिति को मजबूत करेगा।
दरअसल ब्लू वाटर नेवी एक ऐसा समुद्री बल है जो वैश्विक पहुंच और गहरे समुद्र में काम करने की क्षमता से युक्त होता है।
नौसेनाओं को महासागरों में उसके कार्य विस्तार या ऑपरेशन विस्तार के आधार पर अलग-अलग रंगों में वर्गीकृत किया जाता है। एक नौसेना जिसका संचालन अपने देश के समुद्री तट के आस-पास सीमित होता है, वह ब्राउन वाटर फोर्स (Brown Water Force) कहलाता है। एक नौसेना जिसका ऑपरेशन अपने समुद्र तट से आगे तक होता है उसे ग्रीन वाटर फोर्स (Green Water Force) कहा जाता है। इसके आगे तक जाने वाली नौसेना एक ब्लू वाटर फोर्स (Blue Water Force) है।
एक ब्लू वाटर नौसेना (Blue Water Navy) वह है जो अपनी समुद्री सीमाओं की तुलना में बहुत बड़े समुद्री क्षेत्र में खुद को प्रोजेक्ट करने की क्षमता रखती है। सीधे शब्दों में कहें तो यह एक ऐसी नौसेना है जो दुनिया के विशाल, गहरे महासागरों में जा सकती है।
जहां अधिकांश नौसेनाओं के पास गहरे महासागरों में जहाजों को भेजने की क्षमता है, एक ब्लू वाटर फोर्स अपनी सीमाओं से दूर संचालन करने में सक्षम है अर्थात उसे जहाजों में ईंधन भरने या फिर लॉजिस्टिक्स के लिए अपने घरेलू बंदरगाह पर लौटने की आवश्यकता नहीं होती है।
वस्तुतः ब्लू वाटर नौसेनाएं सबसे शक्तिशाली राष्ट्रों की होती हैं। अमेरिकी नौसेना के जहाज पूरे विश्व के महासागरों में विचरण करता हैं।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कोई भी आम सहमति वाली परिभाषा नहीं है परंतु एक या एक से अधिक विमानवाहक पोतों वाले देशों को आमतौर पर ब्लू वाटर फोर्स के मानक के तौर पर देखा जाता है।
भारत के पास अब अपना स्वेदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत है। वैसे भारत के पास पहले भी विमानवाहक पोत था परंतु वह स्वदेशी नहीं था।
भारतीय नौसेना के पास “समुद्र में या समुद्र से, अपने राष्ट्रीय तट के बेस से काफी दूरी तक ऑपरेशन करने की क्षमता है, इसलिए इसे ब्लू वाटर फोर्स कहा जा रहा है।