पैसेंजर नेम रिकॉर्ड सूचना विनियम, 2022 अधिसूचित

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 08 अगस्त, 2022 को पैसेंजर नेम रिकॉर्ड सूचना विनियम, 2022 (‘विनियम’) (Passenger Name Record Information Regulations, 2022 (the ‘Regulations’) को अधिसूचित किया है।

अधिसूचना किसी भी परिचालन उड़ान के लिए एक सीमा शुल्क एजेंसी के साथ अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का विवरण साझा करना अनिवार्य बनाती है। इनमें से एक व्यक्ति के टिकट का विवरण शामिल है – जब यह बुक किया गया था, यात्रा की तारीख और बिलिंग जानकारी – और उनकी यात्रा के बारे में डेटा, जैसे यात्रा की शुरुआत , गंतव्य, और कितने बैग ले जा रहे हैं। साथ ही उनके सीट नंबर और यात्री डेटा भी शामिल होंगे।

एयरलाइंस और सीमा शुल्क प्रणालियों के बीच डेटा का आदान-प्रदान पीएनआरजीओवी एडिट (PNRGOV EDIFACT) संदेश प्रारूप के माध्यम से होगा। यह विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO), अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) और अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) द्वारा संयुक्त रूप से समर्थित एक मानक इलेक्ट्रॉनिक संदेश प्रारूप है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

इसका उद्देश्य आबकारी कानून के तहत अपराधों का मुकाबला करने और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ खुफिया जानकारी साझा करने के लिए अग्रिम जोखिम मूल्यांकन करना है।

सुरक्षा उपायों के रूप में, अधिसूचना कहती है कि इस तरह के डेटा लागू निजता कानूनों के अधीन होंगे, कुछ प्रकार की जानकारी (जैसे जाति और धर्म) से बचा जायेगा और केवल एक सुरक्षित प्रणाली के भीतर संसाधित किए जाएंगे।

भारत इस तरह की प्रणाली स्थापित करने वाला पहला देश नहीं है।

वर्ष 2016 में, यूरोपीय संघ (EU) ने अपने सभी सदस्य देशों के लिए पीएनआर (Passenger Name Record: PNR) निर्देश को अपनाया था। निर्देश से पहले ही, यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) ने PNR रिकॉर्ड साझा करने के लिए 2011 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों और उस दशक के बाद यूरोप के कुछ हिस्सों में हुए आतंकी हमलों के बाद ऐसी प्रणालियां आवश्यक बन गईं। अमेरिका एक और अधिक एडवांसप्रणाली संचालित करता है जिसे स्वचालित लक्ष्यीकरण प्रणाली (Automated Targeting System) कहा जाता है।

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