नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड ओवरबर्डन से M-सैंड का उत्पादन करेगी
कोयला उत्पादक मिनिरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL) अपनी अमलोहरी परियोजना में सिविल वर्क्स कार्यों में उपयोग की जाने वाली मुख्य सामग्री मैनुफैक्चरड सैंड (M-Sand) का उत्पादन शुरू कर रहा है।
NCL के मुताबिक यह पहल प्राकृतिक संसाधनों के अधिकतम उपयोग तथा खनन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने की दिशा में एक प्रमुख पहल है। रेत (सैंड) देश के प्रमुख भूगर्भीय संसाधनों में से एक है और M-Sand कृत्रिम रेत का एक रूप है जो बड़े कठोर पत्थरों को कुचल कर बनाया जाता है।
ओवर बर्डन (Overburden)
पारिस्थितिकीय संतुलन पर ध्यान केंद्रित करते हुए कंपनी ने कच्चे माल के रूप में अपने ओवर बर्डन (Overburden) का उपयोग करके रेत मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किया है।
ओवरबर्डन वह चट्टान या मिट्टी की परत है जिसे खनन किए जा रहे अयस्क तक पहुंचने के लिए हटाने की जरुरत होती है। नीचे कोयला निकालने के लिए 410 मिलियन क्यूबिक मीटर ओवर बर्डनको हटाने की आवश्यकता है।
कोयला सीम (परत) के ऊपर की सामग्री को ओवर बर्डन कहा जाता है। यह विशाल मात्रा निकाले जाने वाले कोयले की मात्रा का लगभग 4 गुना है। NCL अपनी 10 खुली खदानों से प्रतिवर्ष 122 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करती है।
भारी मात्रा में ओवर बर्डन बड़ी जगह घेरती है और यह अपशिष्ट पदार्थ है। एनसीएल प्रतिवर्ष लगभग तीन लाख क्यूबिक मीटर M-सैंड का उत्पादन करेगी और प्रतिदिन 1000 क्यूबिक मीटर रेत बनाने के लिए प्रतिदिन 1429 क्यूबिक मीटर ओवर बर्डन का उपयोग करेगी।
कंपनी की यह पहल नदी के तल के कटाव का संरक्षण करने तथा जलीय पारिस्थितिकीय तंत्र के संरक्षण में सहायता करेगी।