नॉर्ड स्ट्रीम-1 (Nord Stream-1) प्राकृतिक गैस पाइपलाइन प्रणाली में रिसाव

Image credit: International Methane Emissions Observatory (Twitter)

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने कहा है कि बाल्टिक सागर (Baltic Sea) के नीचे नॉर्ड स्ट्रीम (Nord Stream) प्राकृतिक गैस पाइपलाइन प्रणाली में रिसाव से पर्यावरण के लिए हानिकारक मीथेन वायुमंडल में पहुंचने की आशंका है।

मीथेन एक ग्रीनहाउस गैस है जो कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली है हालांकि यह वायुमंडल में अधिक समय तक नहीं रह पाता।

UNEP के अंतर्राष्ट्रीय मीथेन उत्सर्जन वेधशाला, या IMEO (International Methane Emissions Observatory) से जुड़े शोधकर्ताओं द्वारा उपग्रह इमेजरी के विश्लेषण में पाइपलाइन में रिसाव का पता चला था।

26 सितंबर से रूस और यूरोप को जोड़ने वाली नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों में विभिन्न बिंदुओं पर चार रिसाव की सूचना मिली थी। दो रिसाव स्वीडिश जल में थे जबकि अन्य दो डेनिश जल से रिपोर्ट किए गए थे।

नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन

नॉर्ड स्ट्रीम 1 (Nord Stream-1) पाइपलाइन वर्ष 2011 से चालू है, और यूरोप के लिए रूसी गैस के लिए सबसे बड़ा एकल आपूर्ति मार्ग है।

नॉर्ड स्ट्रीम 1 पानी के भीतर एक 1,224 किमी लम्बी गैस पाइपलाइन है जो उत्तर पश्चिमी रूस में वायबोर्ग से बाल्टिक सागर के माध्यम से पूर्वोत्तर जर्मनी में लुबमिन तक जाती है।

इस पाइपलाइन पर अधिकांश स्वामित्व रूसी ऊर्जा दिग्गज कम्पनी गज़प्रोम का है। यह पाइपलाइन प्राथमिक मार्ग है जिसके माध्यम से इसकी गैस जर्मनी में प्रवेश करती है।

यह एक वर्ष में 55 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस आपूर्ति करती है, जिसमें से अधिकांश सीधे जर्मनी जाता है। जर्मनी रूस का सबसे बड़ा यूरोपीय गैस उपभोक्ता है, और इसका अधिकांश भाग नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन के माध्यम से आता है।

वर्ष 2021 में रूसी गैस आपूर्ति में इसकी हिस्सेदारी 55% थी।

$11 बिलियन मूल्य के नॉर्ड स्ट्रीम-2 का निर्माण वर्ष 2021 में पूरा हुआ था, लेकिन कभी भी व्यावसायिक संचालन शुरू नहीं हुआ।

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