थर्मोप्लास्टिक – स्टार्च और पॉलीब्यूटिलीन एडिपेट टेरेफ्थेलेट

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने “कम्पोस्ट किए जाने योग्य (compostable plastic)” प्लास्टिक के व्यावसायीकरण के लिए TGP बायोप्लास्टिक्स को 1 करोड़ 15 लाख रुपये के स्टार्टअप ऋण को मंजूरी दी। यह सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) के उपयोग को कम करने की दिशा में एक प्रमुख कदम है।

बता दें कि चिन्हित्त एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के उत्पादन (निर्माण), आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर 1 जुलाई, 2022 से पूरे देश में प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये ऐसे प्लास्टिक हैं जिनकी उपयोगिता कम है और लेकिन ये अधिक कचरा पैदा करते हैं।

कंपोस्टेबल प्लास्टिक सामग्री

यह स्टार्टअप एकल उपयोग (सिंगल यूज प्लास्टिक – SUP) के वैकल्पिक समाधान के साथ आया है जिसमें एक कंपोस्टेबल प्लास्टिक सामग्री के उपयोग का प्रोटोटाइप है जो पर्यावरण को प्रभावित किए बिना मिट्टी में खाद के रूप में टूट कर मिल जाता है। इस अनूठी परियोजना को प्रोटोटाइप विकास के लिए फण्ड विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की निधि प्रयास (NIDHI Prayas), नीति आयोग और संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) के तहत सीड फंडिंग सहायता प्राप्त हुई है।

उल्लेखनीय है कि बाजार में डिग्रेडेबल सामग्री/कम्पोजिट्स बहुत कम उपलब्ध हैं। उन में से भी कच्चे माल के लिए ज्यादातर की कीमत रुपये 280 रूपये प्रति किलोग्राम से अधिक है। आज का सबसे सस्ता डिग्रेडेबल पॉलीमर पॉलीब्यूटिलीन एडिपेट टेरेफ्थेलेट (Polybutylene adipate terephthalate: PBAT) है जो कि 280-300 रूपये/ किग्रा में उपलब्ध है, जबकि पारंपरिक प्लास्टिक कच्चे माल की कीमत लगभग 90 रूपये/किग्रा. है। इसलिए डिग्रेडेबल प्लास्टिक की बाजार में मांग कम ही रहता है।

इस समस्या को हल करने के लिए, स्टार्टअप ने एक नई मिश्रित सामग्री विकसित की है जो उपलब्ध कंपोस्टेबल प्लास्टिक (~ 180 रुपये/किलो) की तुलना में सस्ती है और क्षमता उतनी ही है। यह कम्पोजिट थर्मोप्लास्टिक – स्टार्च (Thermoplastic-Starch: TPS) -ग्लिसरीन का एक अनूठा मिश्रण है जिसमें कुछ ऐसे रासायनिक संशोधन किए गए हैं जो कम विनिर्माण लागत के साथ उच्च शक्ति प्रदान करते हैं ।

इस कंपोजिट से तैयार किए गए दानों (ग्रेन्यूल्स) को किसी भी आकार में ढाला जा सकता है और आवश्यकता के अनुसार उपयोग किया जा सकता है तथा यह एक बार बाहर फेंक दिए जाने के बाद प्राकृतिक पदार्थों में विघटित हो जाता है ।

थर्मोप्लास्टिक – स्टार्च (Thermoplastic-Starch: TPS)

थर्मोप्लास्टिक स्टार्च (TPS) के रूप में जाना जाने वाला बायोप्लास्टिक आज आमतौर पर पैकेजिंग सामग्री में उपयोग किया जाता है और कुछ जैव-आधारित प्लास्टिक की क्षमता बढ़ाने के लिए बायो-फिलर या फाइबर का उपयोग करते हैं।

TPS घनत्व में कम है, सस्ता है, और पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक के समान लगभग समान शक्ति वाला है। स्टार्च के विभिन्न स्रोतों जैसे कसावा, आलू, और मकई के लिए TPS पर कई अध्ययन व्यापक रूप से और विश्व स्तर पर किए गए हैं।

पॉलीब्यूटिलीन एडिपेट टेरेफ्थेलेट (Polybutylene adipate terephthalate: PBAT)

PBAT सिंथेटिक और बायोबेस्ड पॉलिमर के कुछ लाभकारी गुणों से युक्त है। यह आम पेट्रोकेमिकल्स- शुद्ध टेरेफ्थेलिक एसिड (पीटीए), ब्यूटेनडियोल और एडिपिक एसिड से प्राप्त होता है- और फिर भी यह बायोडिग्रेडेबल है।

सिंथेटिक पॉलिमर के रूप में, इसे आसानी से बड़े पैमाने पर उत्पादित किया जा सकता है, और इसमें लचीली फिल्म बनाने के लिए आवश्यक भौतिक गुण होते हैं जो उपयोगिता में परंपरागत प्लास्टिक को टक्कर दे सकते हैं।

PBAT की खास विशेषता है – इसकी बायोडिग्रेडेबिलिटी।

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