ताइवान की अर्थव्यवस्था की खास विशेषताएं
अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के कारण ताइवान चर्चा में था। आइये जानते हैं ताइवान की अर्थव्यस्था के बारे में:
स्वस्थ व्यापार अधिशेष के साथ ताइवान एक प्रमुख व्यापारिक राष्ट्र है। वर्ष 2022 की पहली छमाही में, ताइवान का निर्यात 246.7 बिलियन डॉलर था, जबकि आयात कुल 219.0 बिलियन डॉलर था। व्यापार अधिशेष 27.7 अरब डॉलर रहा।
दिलचस्प बात यह है कि चीन (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) जो ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है, वह ताइवान का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। मुख्यभूमि चीन को निर्यात कुल निर्यात का 40 प्रतिशत है। चीन से आयात ताइवान के कुल आयात का पांचवां हिस्सा है। आसियान, जापान और अमेरिका ताइवान के अन्य प्रमुख व्यापारिक साझेदार हैं।
ताइवान के आधे से अधिक व्यापार में इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद शामिल हैं। स्व-शासित द्वीप ताइवान विशेष रूप से अपने अर्धचालकों (semiconductors) के लिए जाना जाता है, जो मशीनों के लिए एक प्रमुख घटक है।
इसके अलावा, ताइवान फंक्शनल और टेक्निकल टेक्सटाइल्स के प्रमुख उत्पादकों में से एक है।
ताइवान की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का वर्चस्व है, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 60 प्रतिशत से अधिक शामिल है। वर्ष 2020 के सरकारी अनुमानों के अनुसार, औद्योगिक क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद का 36 प्रतिशत से अधिक है, जबकि कृषि अर्थव्यवस्था का दो प्रतिशत से भी कम है।
ताइवान के पास दुनिया के सबसे बड़े विदेशी मुद्रा भंडार में से एक है। मई 2022 तक, इसके पास विदेशी मुद्रा भंडार लगभग $ 548 बिलियन था जो विश्व में छठा सबसे बड़ा है। इसका विदेशी मुद्रा भंडार जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से अधिक है।
1960 और 1990 के दशक के बीच अभूतपूर्व आर्थिक विकास ने ताइवान को एशियन टाइगर्स का खिताब दिया। यह व्यापक भूमि सुधारों, अमेरिकी सहायता और निर्यातोन्मुखी औद्योगिक विकास सहित अन्य कारकों के कारण संभव हुआ।
कुछ अनुमानों के अनुसार, ताइवान की अर्थव्यवस्था में 1960 और 1994 के बीच औसतन 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।
अन्य रोचक तथ्य
वर्ष 2019 में, ताइवान ने समलैंगिक जोड़ों को शादी करने का अधिकार देने वाले कानून का पारित किया। इस तरह समलैंगिक विवाह को कानूनी बनाने वाला वह पहला एशियाई देश है।